नैनीताल/देहरादून: कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा बुधवार को देहरादून दौरे पर पहुंची और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर यहां भी ‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूं’ के नारे के साथ अपने भाषण के दौरान महिलाओं को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। कांग्रेस नेता हरीश रावत भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने उनके ‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ के नारे को युगांतकारी बताया।
प्रियंका गांधी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में महिलाओं के लिये कई घोषणायें भी कीं। उन्होंने अपने संबोधन की शुरूआत ही महिलाओं के संघर्ष से की और कहा कि जीवन में सबसे अधिक संघर्ष महिलाओं को करना पड़ता है। महंगाई की मार का बोझ भी सबसे अधिक महिलाओं को झेलना पड़ता है। कोरोना महामारी के दौर में भी सबसे अधिक संघर्ष महिलाओं को करना पड़ा है। उन्होंने यह भी अन्य राजनीतिक दल महिलाओं के संघर्ष की बात तक नहीं करती हैं। सिर्फ वही महिलाओं के संघर्ष को पहचानती हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में तो हर पांच घंटे में एक महिला के साथ अत्याचार होता है। प्रदेश सरकार भी महिलाओं के लिये रोजगार के अवसर बढ़ाने में नाकाम रही है। यहां तक वह यह कहने में भी नहीं चूकी कि प्रदेश में आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की गयी और उप्र में तो मानदेय बढ़ाने की बात करने पर जेल में डाल दिया जाता है।
कांग्रेस महासचिव ने महिलाओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि लड़की हो, लड़ सकती हो के नारे के साथ आगे बढ़ो और अपना हक मांगों। उन्होंने अपने घोषणा पत्र में महिलाओं के लिये भी कई घोषणायें कीं और कहा कि रसोई गैस की सबसे अधिक मार महिलाओं को झेलनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य में उनकी सरकार आयी तो रसोई गैस के दाम 500 के अंदर रहेंगे। सरकार बाकी की भरपायी सब्सिडी से करेगी।
उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में चार लाख रोजगार मुहैया करायेगी और इसका 40 प्रतिशत रोजगार महिलाओं को मुहैया कराया जायेगा। सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त में यात्रा करने की अनुमति दी जायेगी। आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय डेढ़ गुना किया जायेगा।
अन्य घोषणाओं में उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा दिया जायेगा। पर्यटन पुलिस का अलग से सृजन किया जायेगा। पांच लाख गरीब परिवारों को चालीस हजार रुपये की मदद प्रतिवर्ष दी जायेगी। साथ ही पहले साल 100 यूनिट बिजली मुफ्त दी जायेगी और अगले साल इसे 200 यूनिट किया जायेगा।
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और प्रियंका गांधी की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि दोनों की सोच एक जैसी है और दोनों ने देश को युगातंकारी नारे दिये हैं। उन्होंने कहा श्रीमती इंदिरा गांधी ने जहां ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया, वहीं उन्होंने प्रियंका गांधी के ‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ’ के नारे को युगातंकारी बताया। उन्होंने कहा कि इस नारे के भाव को समझने के लिये इसके मर्म को समझना होगा।
हरीश रावत ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर जोरदार हमला बोला और कहा कि अल्प समय में ही भाजपा के मुख्यमंत्री को खननप्रेमी मुख्यमंत्री की संज्ञा मिल गयी। इस दौरान संचालन कर रहे पूर्व केबिनेट मंत्री नव प्रभात ने उन्हें ‘शक्ति का प्रतीक’ बताते हुए मंच पर संबोधन के लिये आमंत्रित किया।
प्रियंका गांधी ने भी जनता तक पहुंचने के लिये अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड से उनका पुराना नाता रहा है। उनके पिता, चाचा, उनके भाई और स्वयं उन्होंने यहीं से पढ़ाई की और यहां रही हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि श्री हरीश रावत के अनुभव से उन्होंने काफी कुछ सीखा है।