इस्लाहुद्दीन अंसारी
विवादित नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक सभा को संबोधित करने के ‘जुर्म’ में उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस स्टार प्रचारक और युवा शायर इमरान प्रतापगढ़ी पर एक करोड़ चार लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए उन्हें वसूली नोटिस भेजा है। जानकारी के लिये बता दें कि इमरान प्रतापगढ़ी ने मुरादाबाद से ही लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन अब वे बीते दो महीने से नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ आंदोलन चला रहे हैं।
योगी सरकार संविधान सेनानियों पर इस हद तक़ मनमाने जुर्माने और केस लगा रही है की अगर आज गांधी जी ज़िंदा होते तो अब तक़ कई बार उत्तर प्रदेश सरकार के इस हिटलरी रवैये की ज़द में आ चुके होते। इमरान का कसूर बस इतना था की उसने योगी जी के पुलिसिया बैरिकेड को लांघने की ज़ुर्रत करके CAA के खिलाफ़ चल रहे आंदोलन में हिस्सा लेकर अपने लोकतांत्रिक कर्तव्यों का निर्वहन कर लिया था।
इमरान का कसूर बस इतना था की उसने योगी आदित्यनाथ के डर के तिलिस्म को तोड़कर मुरादाबाद वालों के सामने खड़े होकर ये ऐलान कर दिया था की वो नहीं डरता ऐसी किसी भी सरकार से जो अपने नागरिकों को डराने के लिये दिन रात एक किये हुए हो. योगी जी भेजते रहिये नोटिस इमरान जैसी बेबाक आवाज़ों को, ठूसते रहिये अपनी जेलों में डाक्टर कफील जैसे ईमानदारों को, करते रहिये दुरूपयोग IPC की धाराओं का प्रदीपिका जैसी बहादुर बेटियों पर, संविधान सेनानियों को यूवा सत्याग्रहियों को कुचलने के लिये लगा लीजिए जितनी ताक़त लगा सकते हैं।
पर मत भूलियेगा की इतिहास आपकी इन नाकाम सी और बिलावजह की जबरिया कोशिशों के एक-एक लम्हे को अपने पन्नों पर सहेज रहा है की कल को सूबे के बच्चे जब बड़े होंगे तो वो पढ़ेंगे की जब सूबे में संविधान बचाने का सत्याग्रह चल रहा था तब सूबे का तत्कालीन मुख्यमंत्री इन सत्याग्रहियों के हौसले पस्त करने के लिया क्या कुछ नहीं कर रहा था.