भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन पर आज विराम लगा दिया। चंद्रशेखर रावण ने कहा कि मेरी अखिलेश यादव से पिछले 6 महीनों में काफी मुलाकातें हुईं हैं। इस बीच सकारात्मक बातें भी हुई लेकिन अंत समय में मुझे लगा कि अखिलेश यादव को दलितों की ज़रूरत नहीं है। वह इस गठबंधन में दलित नेताओं को नहीं चाहते। वह चाहते हैं कि दलित उनको वोट करें।
मेरी अखिलेश यादव से पिछले 6 महीनों में काफी मुलाकातें हुईं हैं। इस बीच सकारात्मक बातें भी हुई लेकिन अंत समय में मुझे लगा कि अखिलेश यादव को दलितों की ज़रूरत नहीं है। वह इस गठबंधन में दलित नेताओं को नहीं चाहते। वह चाहते हैं कि दलित उनको वोट करें: भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद pic.twitter.com/vp2JO0KgBx
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आज़ाद समाज पार्टी के सुप्रीमो ने कहा कि अंत समय में मुझे लगा कि अखिलेश यादव को दलितों की ज़रूरत नहीं है। वह इस गठबंधन में दलित नेताओं को नहीं चाहते। वह चाहते हैं कि दलित उनको वोट करें… कल उन्होंने अपमानित किया जो दुखद है। बहुजन समाज के लोगों को अपमान किया है।
#WATCH अंत समय में मुझे लगा कि अखिलेश यादव को दलितों की ज़रूरत नहीं है। वह इस गठबंधन में दलित नेताओं को नहीं चाहते। वह चाहते हैं कि दलित उनको वोट करें… कल उन्होंने अपमानित किया जो दुखद है। बहुजन समाज के लोगों को अपमान किया है: भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद pic.twitter.com/BEW5KzYmVq
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चंद्रशेखर रावण ने अखिलेश यादव को दलित विरोधी बताया। हम समाजवादी के साथ गठबंधन में नहीं जा रहे हैं। हम जेल गये, मेरी लड़ाई विधायक बनने की नहीं है, मुझे सामाजिक न्याय चाहिए। पिछले 5 साल में समाजवादी पार्टी ने दलित की हत्या और उनके शोषण पर आवाज नहीं उठाई। चंद्रशेखर रावण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सपा पर हमला बोलते कहा कि हमारा उद्देश्य बीजेपी को रोकना है। चंद्रशेखर रावण ने बहन जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं दी।
क्या कहते हैं अखिलेश
चंद्रशेखर द्वारा लगाए गए आरोपों पर जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि समजवादी पार्टी से उन्होंने (भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद) जो भी बात की मैंने उनकी बात मानी और रामपुर मनिहरन और गाज़ियाबाद वाली सीटें उनको दी। उन्होंने किसी से फोन पर बात करने के बाद मुझको बताया कि वह चुनाव साथ में नहीं लड़ सकते।
समजवादी पार्टी से उन्होंने (भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद) जो भी बात की मैंने उनकी बात मानी और रामपुर मनिहरन और गाज़ियाबाद वाली सीटें उनको दी। उन्होंने किसी से फोन पर बात करने के बाद मुझको बताया कि वह चुनाव साथ में नहीं लड़ सकते: सपा प्रमुख अखिलेश यादव pic.twitter.com/GOjBKSkxSY
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आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से शुक्रवार को आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने मुलाकात की। उनकी यह मुलाकात सपा मुख्यालय पर करीब 50 मिनटों तक चली। इसके बाद चंद्रशेखर आजाद ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा कि एकता में बड़ा दम है। मजबूती और एकता के बगैर भाजपा जैसी मायावी पार्टी को हराना आसान नहीं है। गठबंधन के अगुवा का दायित्व होता है कि वे सभी समाज के लोगों के प्रतिनिधित्व और सम्मान का ख्याल रखे। अखिलेश यादव से दलित वर्ग इस जिम्मेदारी को निभाने की अपेक्षा रखता है। अखिलेश से उनकी मुलाकात जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में हुई। इसके बाद ही उन्होंने ये बातें लिखी हैं।