राना अय्यूब मामला: सरकार के रवैय्ये पर UN मानवाधिकार नाराज़, “भारत सरकार अपने दायित्व को निभाने में नाकाम रही”

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने भारत सरकार से मांग की है कि महिला पत्रकार राना अय्यूब के ख़िलाफ़ लगातार हो रहे सांप्रदायिक हमले बंद होने चाहिए. यूएन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा कि भारत सरकार को इसकी तत्काल जाँच कर अय्यूब पर हो रहे उत्पीड़न को रोकना चाहिए।

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यूएन के विशेषज्ञों का कहना है कि स्वतंत्र खोजी पत्रकार और मानवाधिकार के लिए काम करने वाली राना अय्यूब पर दक्षिणपंथी हिंदू राष्ट्रवादी समूह लगातार ऑनलाइन हमले कर रहे हैं और उन्हें धमकियाँ दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ये हमले राना अय्यूब पर इसलिए हो रहे हैं क्योंकि वो भारत में अल्पसंख्यक मुसलमानों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर रिपोर्टिंग करती हैं। साथ ही कोरोना महामारी के दौरान सरकार के रवैए की राना आलोचक रही हैं, हाल ही में कर्नाटक में हिजाब पर हुए विवाद पर उनकी टिप्पणियों की वजह से भी ये हमले हो रहे हैं।

कानून उत्पीड़न का शिकार हो रही हैं अय्यूब

यूएन के विशेषज्ञों की तरफ़ से कहा गया है कि राना पर हो रहे ऐसे हमलों में सरकार की तरफ़ से उचित जाँच की कमी देखी गई। साथ ही अय्यूब का क़ानूनी उत्पीड़न भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रिपोर्टिंग की वजह से राना अय्यूब को कई बार क़ानूनी उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा है.

11 फ़रवरी को छह महीने में दूसरी बार उनके बैंक अकाउंट और दूसरे एसेट को फ्रीज़ कर दिया गया। राना अय्यूब पर मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स फ्रॉड के निराधार आरोप लगाए गए। ये कार्रवाई राना के एक क्राउड फंडिंग कैंपेन को लेकर किया गया है, जिसे उन्होंने महामारी के दौरान लोगों की मदद के लिए चलाया था।

विशेषज्ञों की तरफ़ से कहा गया है कि भारत सरकार एक पत्रकार के तौर पर राना अय्यूब की रक्षा करने के अपने दायित्व को निभाने में नाकाम रही है। साथ ही सरकारी जाँच की वजह से अय्यूब के सामने और ख़तरा पैदा हुआ है। विशेषज्ञों ने ये मांग की है कि भारत सरकार को राना अय्यूब की धमकियों और ऑनलाइन हमलों से रक्षा के लिए तत्काल क़दम उठाने चाहिए और उनके ख़िलाफ चल रही जांच को रोकना चाहिए.

पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में राना अय्यूब की 1.77 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली थी। अधिकारियों का कहना है कि राना पर दान में ली गई राशि के दुरुपयोग का का आरोप है. हालाँकि राना अय्यूब इन आरोपों से इनकार करती हैं। उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद में उनके ख़िलाफ़ FIR की गई थी.