Latest Posts

मोहम्मद बुहारी की नेतृत्व में नाइजीरिया ने पाई कोरोना पर फतह, जानिए कैसे हुआ यह कारनामा?

इलियास मखदूम

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

अफ्रीकी देश तंज़ानिया में जब कोरोना के मामलों की संख्या अचानक 22 से 480 तक बढ़ गई, तो देश के राष्ट्रपति, जॉन मैगोफोली, जिनके पास रसायन विज्ञान में डिग्री है, को संदेह हुआ कि कुछ ग़लत हुआ है। उन्होंने ने एक अजीब ओ ग़रीब प्रयोग किया।

उन्होंने टेस्ट के लिए देश की केंद्रीय प्रयोगशाला में एक भेड़, बकरी और पपीते के फल के नमूने भेजे। भेजे गए नमूनों को इंसानी नाम और अलग-अलग उम्र दी। हैरत कुन तौर पर, दो जानवर, एक बकरी और एक भेड़, और एक फल, पपीता, पॉजिटिव निकले। उन्होंने तब से विदेश से आयातित सभी कोरोना टेस्ट किट सेना को सौंप दिए हैं और जांच का आदेश दिया है। तंजानियाई राष्ट्रपति का कहना है कि निश्चित रूप से एक “बड़ी गड़बड़” है। घटना के बाद, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने तंजानियाई राष्ट्रपति की कार्रवाई की निंदा की है। दुनिया जो नहीं कर पाई, वो एक अफ्रीकी ग़रीब देश ने किया.

दूसरी तरफ एक और ग़रीब देश से खबर ये है कि नाइजीरियाई मेडिकल एसोसिएशन ने पिछले महीने सरकार को यह बताने के लिए एक आपातकालीन प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की कि “हम अपनी क्षमताओं पे भरोसा रखते हैं और उचित चिकित्सा सहूलियात के बिना हम अकेले कोरोना वायरस से लड़ सकते हैं, इसलिए हमारे देश में चीनी डॉक्टर नहीं चाहिये।” फिर दुनिया ने देखा,कोई पीपीई, एन 95 की कमी और वेंटीलेटर की कमी का कोई बहाना नहीं. एकमात्र जुनून था देशभक्ति का और फिर नाइजीरियाई नेता मोहम्मद बुहारी अफ्रीका के Covid-19 युद्ध के चैंपियन बने।