क्या आप जानते है कि भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उद्घाटन किया उस रेलवे स्टेशन का 49 प्रतिशत मालिकाना हक एक विदेशी कम्पनी इंटरअप इंक के पास है? जी हाँ यह सच है ! निजीकरण के ऐसे ही साइड इफेक्ट्स होते हैं कब कम्पनिया देशी से विदेशी बन जाए पता ही नहीं चलेगा! दरअसल जिसे नए भारत का नया रेलवे स्टेशन बताया जा रहा है वह भारत का सबसे पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन है. यह स्टेशन पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर आधारित है.
इसी साल अगस्त में दैनिक भास्कर में एक खबर छपी कि अमेरिकी फंड हाउस इंटरअप इंक ने भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन को डेवलप कर रही बंसल पाथवे में 49% हिस्सेदारी 915 करोड़ रुपए में खरीद ली है, अमेरिकी ग्रूप इंटरअप ने बंसलपाथवे का मूल्यांकन 1870 करोड़ रुपए आंका था और 915 करोड़ रुपए देकर उसने ग्रुप में 49 हिस्सेदारी हासिल कर ली है, यानी टेक्निकली जो भी बंसल पाथवे की प्रॉपर्टी है उसमें अमेरिकी ग्रूप इंटरअप इंक की 49% भागीदारी है, इस खरीद को मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा फॉरेन इन्वेस्टमेंट बताया जा रहा था लेकिन मीडिया अब आपको यह तथ्य बताना भूल गया वैसे इस अमेरिकी ग्रुप इंटरअप्स इंक का रिकॉर्ड भी संदिग्ध है यदि कोई पत्रकार ढंग से इस कम्पनी की छानबीन करे तो ओर भी कई हैरतअंगेज जानकारियां सामने आ सकती हैं।
मार्च 2017 को भारतीय रेलवे द्वारा मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित हबीबगंज को पूर्ण रूप से पहले निजी रेलवे स्टेशन के तौर पर विकसित करने का निर्णय लिया गया. भारतीय रेलवे द्वारा रेलवे स्टेशन की देख-रेख के समस्त अधिकार प्राइवेट कम्पनी बंसल ग्रुप को सौंपे गये. और रेलवे स्टेशन से लगी बेशकीमती जमीन बंसल ग्रुप के हवाले कर दी गयी कांट्रेक्ट के अनुसार इस निजी रेलवे स्टेशन पर रेलवे केवल गाड़ियों का संचालन करेगी तथा पूरे रेलवे स्टेशन का संचालन प्राइवेट कंपनी बंसल ग्रुप करेगा, इस समझौते के अनुसार हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर गाड़ियों की पार्किंग से लेकर खान-पान तक बंसल ग्रुप के अधीन है बंसल ग्रुप को रेलवे स्टेशन की ज़मीन की कमर्शियल स्पेस की लीज 45 साल के लिए मिली है।
बंसल ग्रुप के साथ पीपीपी मॉडल पर समझौते के तहत तीन वर्ष में बंसल हैथवे को इस रेलवे स्टेशन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित करना था यानी मार्च 2020 तक यह तैयार हो जाना था लेकिन यह प्रोजेक्ट लेट हो गया और नवम्बर 2021 में यह पूरा तैयार हुआ है।
2018 में जैसे ही इस बंसल ग्रुप ने रिडेवलपमेंट के लिए जैसे ही रेलवे स्टेशन का अधिपत्य हासिल किया उसने हबीबगंज स्टेशन पर पार्किंग के रेट अचानक पांच गुना तक बढ़ा दिए उसने 24 घण्टे के लिए दो पहिया वाहन चालकों से रेलवे स्टेशन में पार्किंग के 235 रुपए और चार पहिया वाहन चालकों से 590 रुपए वसूलने शुरू कर दिए, बाद में जनप्रतिनिधियों ने रेलवे विभाग से इसकी शिकायत की तब रेट कम किया गया, इतना ही नही बंसल पाथवे हबीबगंज लिमिटेड द्वारा हबीबगंज स्टेशन परिसर में कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के बेसमेंट निर्माण के लिए मंजूरी से अधिक खुदाई की गयी, इस शिकायत पर खनिज विभाग द्वारा जांच की गई तो पाया कि कंपनी के पास 2 हजार घनफीट के खुदाई की मंजूरी की तुलना में 10 गुना अधिक खुदाई की गई थी. यही नहीं इस खुदाई से निकले खनिज को बाद में रेलवे के निर्माण कार्य में इस्तेमाल करना था लेकिन इसे बाजार में बेचा गया।
ऐसी रिपोर्ट हमारा मीडिया क्यो नही देता समझ मे नही आता! सिर्फ वाहवाही करना ही हमारे मीडिया का दायित्व रह गया है क्या?
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं)