यूक्रेन संकट: सैकड़ों छात्रों के लिए सहारा बने किठौर के आलमगीर, इस तरह पहुंचा रहे मदद

नई दिल्ली/मेरठः जब से रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ है, तभी से यूक्रेन में रहने वाले भारतीय छात्रों के परिजनों की चिंताएं बढ़ गई हैं। यूक्रेन में क़रीब 20 हज़ार भारतीय रहते हैं, इनमें से अधिकतर छात्र हैं, जो मेडिकल की पढ़ाई करने के लिये यूक्रेन गए थे। फ्लाइट बंद होने की वजह से इन छात्रों के परिजनों की चिंताएं बढ़ गईं हैं, हालांकि भारत सरकार रोमानिया के रास्ते अपने नागरिकों को वापस लाने की कोशिशों में लगी है।

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इसी क्रम में यूक्रेन में फंसे छात्रों के लिए मेरठ के किठौर सहित भारत के लोग देवदूत का काम कर रहे हैं। उन्हीं में से एक हैं किठौर के आलमगीर। युद्ध के कारण फंसे छात्रों तक ते जरूरत का सामान पहुंचा रहे हैं। किठौर के ग्राम ललियाना के आलमगीर छह साल पहले मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए थे। एमबीबीएस में अंतिम वर्ष के छात्र आलमगीर पढ़ाई के साथ-साथ वहां एक एजुकेशन कंपनी से अटैच हो गए।

आलमगीर बताते हैं कि वे किठौर व आसपास की जगहों से काफी छात्रों का एडमिशन यूक्रेन में करा चुके हैं। रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ जाने के बाद हालात खराब हो गए। छात्रों को बंकरो में पहुंचा दिया गया। ऐसे में उनके पास खाने-पीने की वस्तुओं की कमी होने लगी है। वह अपनी कंपनी के सहयोग से सभी छात्रों को जितना हो सकता है, सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं। यूक्रेन में फंसे छात्रों को भारत भेजने की जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रहे हैं।

वापस आए नागरिक

यूक्रेन में फंसे 219 भारतीय नागरिक वापस लाए गए हैं। यूक्रेन से 219 भारतीयों को लेकर एयर इंडिया का विमान मुंबई पहुंचा है। ये विमान रोमानिया से होते हुए मुंबई पहुंचा है। ये पहली उड़ान रोमानिया के बुखारेस्ट से मुंबई विमानतल पर रात सात बजकर 50 मिनट पर पहुंची। केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने भारतीय नागरिकों का स्वागत किया है। इनमें कई छात्र-छात्राएं भी शामिल हैं। इनसे मिलने के लिए मुंबई एयरपोर्ट पर ही मिलने के लिए पहुंचे। पियूष गोयल ने यूक्रेन से आये भारतीय नागरिकों से कहा कि वो चिंता न करें। हम चीज़ें सँभालने की कोशिश कर रहे हैं। हम अपने नागरिकों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं