नई दिल्ली: जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने राजस्थान के उदयपुर में एक गैर-मुस्लिम दर्जी मास्टर की हत्या और उसके बाद हत्यारों द्वारा नबी (PBUH) के अपमान के नाम पर वीडियो बनाने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे मानवता का अपमान और इस्लाम धर्म को बदनाम करने वाला कृत्य बताया।
मौलाना मदनी ने कहा कि यह घटना देश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती और शर्मनाक है। उन्होंने कहा, “चाहे कोई भी हत्यारा हो, किसी को भी कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।” उन्होंने कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिंद सभी प्रकार की कट्टरवाद के खिलाफ है और मांग करती है कि ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ उनके धर्म, जाति और जातीयता के बिना ख्याल किए सख्त कार्रवाई की जाए।
मौलाना मदनी ने कहा कि यह बहुत ही निराशाजनक बात है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों का रवैया पक्षपाती है, यही वजह है कि इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हो रही हैं। इसलिए, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि यह घटना हो या पवित्र पैगंबर का अपमान करने की, सरकारों को सतर्क रहना चाहिए और ऐसे जघन्य अपराधों के अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
इस मौके पर मौलाना मदनी ने हर देशवासी से कानून-व्यवस्था बनाए रखने की विशेष अपील की और यह भी कहा कि सभी नागरिक एकजुट होकर सांप्रदायिकता और कट्टरता आदि के खिलाफ खड़े हों.