नयी दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने त्रिपुरा पुलिस द्वारा 102 लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (निषेध) कानून (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किए जाने की पृष्ठभूमि में सोमवार को कहा कि इस तरह सच्चाई को दबाया नहीं जा सकता।
Pointing out that #Tripura_Is_Burning is a call for corrective action. But BJP’s favourite cover-up tactic is shooting the messenger.
Truth can’t be silenced by #UAPA.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 8, 2021
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘त्रिपुरा के जलने के बारे में बताना सुधारात्मक कदम उठाने का आह्वान है। परंतु भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर्दा डालने की अपनी पसंदीदा तरकीब के तहत संदेशवाहक को ही निशाना बना रही है। यूएपीए के जरिये सच को दबाया नहीं जा सकता।’’
The Editors Guild of India is deeply shocked by the Tripura Police’s action of booking 102 people, including journalists, under the coercive Unlawful Activities (Prevention) Act, for reporting and writing on the recent communal violence in the state. pic.twitter.com/bkDssiqOXK
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) November 7, 2021
गौरतलब है कि त्रिपुरा पुलिस ने शनिवार को 102 सोशल मीडिया खाता धारकों के खिलाफ आपराधिक साजिश और फर्जीवाड़े के आरोपों में यूएपीए तथा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब प्रशासन को नोटिस भेजकर इन खातों को फ्रीज करने और उनके बारे में सभी जानकारी मुहैया कराने को कहा है।
त्रिपुरा पुलिस ने राज्य में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर हुई हिंसा के संबंध में सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर कथित रूप से साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाने को लेकर उच्चतम न्यायालय के चार वकीलों के खिलाफ कठोर कानून यूएपीए और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
त्रिपुरा को साम्प्रदायिकता की आग में झोंका जा रहा है। लोग दहशत में है और कानून व्यवस्था के संचालक उल्टे न्याय के लिये आवाज़ उठाने वालों पत्रकारों, सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर ही UAPA मुकदमा कर रहे है। यह बर्दाश्त के बाहर है।#Tripura_Is_Burning
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 8, 2021
राजद भी मैदान में
त्रिपुरा में हुई हिंसा पर राष्ट्रीय जनता दल ने भी तीखी प्रतक्रिया व्यक्त की है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने ट्वीट कर कहा कि “त्रिपुरा को साम्प्रदायिकता की आग में झोंका जा रहा है। लोग दहशत में है और कानून व्यवस्था के संचालक उल्टे न्याय के लिये आवाज़ उठाने वालों पत्रकारों, सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर ही UAPA मुकदमा कर रहे है। यह बर्दाश्त के बाहर है।”