अगरतला: राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव की अगुवाई में गुरूवार को पुलिस मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठे तृणमूल समर्थकों की मांग है कि स्थानीय निकाय चुनावों में हुई उनके उम्मीदवारों के साथ हुई हिंसा की जांच करए जाने के अलावा पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सुरक्षा दी जाए।
What’s happening in #Tripura is SHOCKING!
Despite all evidence, everyone is silent! Where is the @NCWIndia? Where is @India_NHRC? Such heinous acts cannot be tolerated.
We will continue protesting peacefully AGAINST ALL WRONGDOINGS OF @BjpBiplab.#TripuraDeservesBetter pic.twitter.com/aMmM63QlvP
— AITC Tripura (@AITC4Tripura) November 11, 2021
भारी संख्या में धरने पर बैठे तृणमूल समर्थकों ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कार्यकर्ताओं पर हमले करने का आरोप लगाया।
Despite submitting CCTV footage and names of the assailants from @BJP4Tripura, police is yet to take action!
It appears as if the police is there to serve the goons and not the people of Tripura! Nonetheless, we will keep fighting for our people.
Hear from @SushmitaDevAITC 👇🏼 pic.twitter.com/IIUqkEy1Z0
— AITC Tripura (@AITC4Tripura) November 11, 2021
सुश्री देव ने आरोप लगाते हुए कहा कि अगरतला नगरपालिका निगम में नाकामयाब रहने के बाद भाजपा के गुंडों ने तृणमूल उम्मीदवारों पर हमले शुरू कर दिए। नामांकन के आखिरी दिन तक भाजपा ने चेतावनी देते हुए दबाव भी बनाया। नामांकन वापस ना लेने पर भाजपा ने उम्मीदवारों और उनके परिवारों पर हमले करना शुरू कर दिया।
.@BjpBiplab knows that the people have lost faith in @BJP4Tripura and have chosen @AITCofficial as the best alternative!@BJP4India‘s attempts to cling on to power using violence is unpardonable!
People of Tripura will give a befitting response against this injustice! pic.twitter.com/3Bz5AedewK
— AITC Tripura (@AITC4Tripura) November 11, 2021
उन्होंने कहा तृणमूल के 11 उम्मीदवारों को धमकी देते हुए उनके घरों पर हमला किया गया और पार्टी उम्मीदवार एएमसी संगीता बनर्जी के बेटे और बेटी की बुरी तरह पिटा गया।
सुश्री देव ने पार्टी सदस्यों की सुरक्षा पर संज्ञान लेने के लिए उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है, खासतौर पर निगम चुनाव और पूरी चुनाव प्रक्रिया के दौरान ऐसा किए जाने की मांग की गई है। उन्होंने पार्टी सदस्यों के खिलाफ हुई बर्बरता और उपद्रव की जांच सेवानिव़ृत न्यायाधीश की अगुवाई वाली एसआईटी से कराए जाने की मांग भी की है।