सुदर्शन का लाईसेंस ज़ब्त करने के लिये शादाब ने लिखा सूचना प्रसारण मंत्री को पत्र, तो चव्हाणके ने बनाया निशाना..

नई दिल्लीः सुदर्शन चैनल के विवादित शो को प्रतिबंधित कराने के लिये पीस पार्टी के प्रवक्ता शादाब चौहान ने केन्द्रीय सूचना एंव प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेड़कर को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने मांग की है कि सुदर्शन चैनल के सीईओ सुरेश चव्हाणके लगातार समाज में सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश की जा रही है। इसलिये इस चैनल का लाईसेंस ज़ब्त किया जाए और सुरेश चव्हाणके के खिलाफ कानूनी कार्रावाई की जाए। इस चिट्ठी के बाद सुरेश चव्हाणके द्वारा शादाब चौहान को निशाना बनाया जा रहा है। सुदर्शन चैनल के एंकर ने पीस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

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शादाब चौहान ने प्रकाश जावेड़कर को संबोधित करते हुए लिखा कि उम्मीद है आप खैरियत से होंगे! मैं आपका ध्यान उस निजी चैनल की करतूत की तरफ दिलाना चाहता हूं, जिसने इस देश की सर्वोच्च डिग्री को विवादों में ला दिया है। जो न सिर्फ असंवैधानिक है बल्कि समाज में ज़हर घोलने वाला है। महोदय मैं बात कर रहा हूं सुदर्शन चैनल के सीईओ सुरेश चव्हाणके के उस ‘बिंदास बोल’ प्रोग्राम की जिसमें उन्होंने न सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ बल्कि देश की नंबर एक यूनीवर्सिटी जामिया मिलिया इस्लामिया और यूपीएससी पर लांछन लगाते हुए प्रोमो बनाया। इस प्रोमो के जो शब्द थे वे इस देश की एकता अखंडता के लिये ख़तरनाक हैं। ‘नौकरशाही में मुसलमानों की घुसपैठ के षड़यंत्र का बड़ा खुलासा, आखिर मुसलमान आईपीएस, आईएएस में कैसे बढ़ गए, देश की सबसे कठिन परीक्षा में सबसे ज्यादा मार्कस, और सबसे ज्यादा पास होने का क्या है राज, सोचिए जामिया के जिहादी आपके जिलाधिकारी और हर मंत्रालय में सचिव होंगे तो क्या होगा, लोकतंत्र के सबसे महत्तवपूर्ण स्तंभ कार्यपालिका पर कब्ज़े का पर्दाफाश, देखिए नौकरशादी जिहाद पर हमारा महाभियान’।

शादाब ने आगे लिखा कि  यह प्रोमो 28 अगस्त की सुबह को प्रसारित किया गया था, और 28 अगस्त की शाम को ही इस देशविरोधी प्रोग्राम का प्रसारण होना था, वह तो भला हो दिल्ली हाईकोर्ट का कि उसने इस प्रोग्राम पर रोक लगा दी। लेकिन दस सितंबर को सुरेश चव्हाणके ने ट्वीट करके बताया कि भारत सरकार ने उनके इस विवादित कार्यक्रम को प्रसारित करने की अनुमती दे दी है। मुझे यह विश्वास नहीं होता कि आखिर कैसे इस तरह की नफरत फैलाने की अनुमति सरकार दे सकती है? क्या सरकार को इस तरह के कार्यक्रम से कोई लाभ है? अगर नहीं है तो क्यों नहीं रोका गया इसके पीछे क्या राज है? यह चैनल किसी न किसी बहाने वह मुसलमानों के खिलाफ माहौल बनाने में लगा हुआ है। महोदय आपसे निवेदन है कि आप इस देश की अखंडता, एकता, और शिक्षण संस्थान एंव यूपीएससी जैसी संस्था की पारदर्शिता को बचाए रखने के लिये इस चैनल के प्रसारण पर रोक लगाईए। इस चैनल के विवादित एंकर सुरेश चव्हाणके के खिलाफ भी सख्त कार्रावाई कराएं। यह चैनल जिस तरह किसी न किसी बहाने समाज में नफरत फैला रहा है उसके परिणाम भारतीय समाज को उठाने पड़ सकते हैं। महोदय आपने देखा कि इसी तरह के नफरत वाले प्रोग्राम कोरोना के बहाने तब्लीग़ी जमात के हवाले से चलाए गए थे, जिसके कारण देश में जमातियों की पहचान को संदिग्ध बना दिया गया, कई जमातियों पर हमले हुए, कई जमातियों ने कोरोना फैलाने वाले तानों से दुःखी होकर आत्महत्या कर ली। महोदय इसके गुनहगार इस तरह के चैनल्स के प्रोग्राम हैं, जो देश की एकता, अखंडता के लिये खतरा पैदा कर रहे हैं। आप चूंकि इस महान एंव विशाल देश के सूचना एंक प्रसारण मंत्री हैं, इसलिये आपकी ज़िम्मेदारी भी बहुत बड़ी है। आप इस देश में ज़हर घोलने वाले टीवी चैनल्स के प्रोग्राम पर रोक लगाएं, उनके खिलाफ कार्रावाई करें। आप अपने मंत्रालय के मातहत काम करने वाली संस्था Electronic Media Monitoring Centre को निर्देश दें कि न सिर्फ सुदर्शन चैनल बल्कि जो भी चैनल इस देश की एकता अखंडता, आपसी सद्धभाव एंव भाईचारे को तोड़ने वाले प्रोग्राम प्रसारित करता है उसकी मासिक रिपोर्ट तैयार करके, ऐसे चैनल पर रोक लगाएं।

शादाब चौहान ने प्रकाश जावेड़कर को संबोधित करते हुए लिखा कि महोदय, एक ओर महत्तवपूर्ण विषय पर आपका ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूं। बीते कुछ वर्षों में न्यूज़ चैनल्स द्वारा ‘जिहाद’ जैसे पवित्र शब्द को न सिर्फ बदनाम करने बल्कि इस शब्द के द्वारा इस्लामोफिबाय फैलना की कोशिश की गई है। प्रेम विवाह को लव जिहाद, ज़मीन खरीदने को लैंड जिहाद बताकर टीवी चैनल्स ने प्रसारित किया। हद तो तब हो गई जब तब्लीगी जमात के कोरोना संक्रमित लोगों को कोरोना जिहाद अथवा कोरोना बम बताकर टीवी चैनल्स पर प्रसारित किया गया। महोदय जबकि आप भी भली प्रकार जानते हैं कि जिहाद का अर्थ किसी समाज से नफरत, या युद्ध नहीं है, बल्कि जिहाद का अर्थ सच्चाई, नेकी, भलाई के रास्ते पर चलते हुए संघर्ष करना है। महोदय चैनल्स की इस शब्दावली पर भी रोक लगाने का कष्ट करें।

सुरेश चव्हाणके ने बनाया शादाब को निशाना

केन्द्रीय सूचना एंव प्रसारण मंत्री को चिट्ठी लिखने वाले पीस पार्टी के प्रवक्ता शादाब चौहान को सुरेश चव्हाणके द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। सुदर्शन टीवी ने ट्वीट किया कि पार्टी के प्रमुख अयूब पर पिछले माह लगा है NSA और भेजा गया जेल, अब वही उतरी है हमारे कल होने वाले शो नौकरशाही जिहाद के विरोध में शादाब चौहान को आगे कर के। इस पर शादाब चौहान ने जवाब दिया कि एक बात कान खोल कर सुन लीजिए हम किसी भी कीमत पर किसी को भी भारत के शांति व भाईचारे को बंद नहीं होने देंगे और उसके लिए जो भी संवैधानिक प्रयास होंगे हम जरूर करेंगे और यह उसी का हिस्सा था,क्या भारत सरकार से अपनी मांग रखना भी अब अपराध हो गया?