नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक साल से अधिक समय से आंदोलनरत किसानों की मांग को स्वीकार करते हुए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की आज घोषणा की और आंदोलनरत किसानों से घर लौटने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की स्थिति को सुधारने के इसी महाअभियान में देश में तीन कृषि कानून लाए गए थे। मकसद ये था कि देश के किसानों को, खासकर छोटे किसानों को, और ताकत मिले, उन्हें अपनी उपज की सही कीमत और उपज बेचने के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प मिले। बरसों से ये मांग देश के किसान, देश के कृषि विशेषज्ञ, देश के किसान संगठन लगातार कर रहे थे। पहले भी कई सरकारों ने इस पर मंथन किया था। इस बार भी संसद में चर्चा हुई, मंथन हुआ और ये कानून लाए गए। देश के कोने-कोने में कोटि-कोटि किसानों ने, अनेक किसान संगठनों ने, इसका स्वागत किया, समर्थन किया।
आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा ।
सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें : @RakeshTikaitBKU#FarmersProtest
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) November 19, 2021
केंद्र सरकार के इस फैसले पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसानों का आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, “आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार एमएसपी के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें।”
एमएसपी पर गारंटी कानून बनने तक जारी रहेगा आन्दोलन ;- @RakeshTikaitBKU pic.twitter.com/JQOCoOLe44
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) November 19, 2021
महाराष्ट्र के पलघर में आदिवासी किसानों के बीच पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने एक वीडियो जारी कहा कि जब तक संसद में ये क़ानून वापस नहीं हो जाते, और किसानों को सर्टिफिकेट नहीं मिल जाते तब तब किसान वापस नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि ज्यादा खुश होने मिठाई बांटने की जरूरत नहीं है, अभी एमएसपी पर इस सरकार को क़ानून बनाना है। ये आंदोलन जारी रहेगा।