नयी दिल्लीः अखिल भारतीय मुस्लिम मजलिस ने उत्तर प्रदेश के रामपुर स्थित मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के खिलाफ नकारात्मक प्रचार पर चिंता व्यक्त करते हुए विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए राज्य सरकार से आग्रह किया है।
अखिल भारतीय मुस्लिम मजलिस के महासचिव हसीब अहमद ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ जौहर विश्वविद्यालय का दौरा करने के बाद मंगलवार को यहाँ एक बयान में कहा कि विश्वविद्यालय जनता को उच्च शिक्षा प्रदान करके एक निश्चित राष्ट्रीय हित की सेवा कर रहा है। यह विश्वविद्यालय शैक्षिक रूप से पिछड़े मुस्लिम समुदाय और ख़ासकर मुस्लिम लड़कियों के लिए है। विश्वविद्यालय तुलनात्मक रूप से कम शुल्क संरचना के साथ आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की भी सेवा कर रहा है।
हसीब अहमद ने कहा कि राज्य शिक्षण संस्थानों को भूमि प्रदान करता है, इसलिए उसे न्यायालयों में लंबी न्यायिक प्रक्रिया में लिप्त होने के बजाय विश्वविद्यालय की भूमि के कुछ हिस्से से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एक कोविड केंद्र की स्थापना के लिए अपने परिसर को खोलकर और अपने आवासीय परिसर में अग्रिम पंक्ति के डॉक्टरों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को समायोजित करके जिला प्रशासन के साथ सहयोग करने के लिए प्रशंसा का पात्र है। विश्वविद्यालय के खिलाफ दुष्प्रचार बंद होना चाहिए क्योंकि इससे विश्वविद्यालय में नामांकन कम हो रहा है जो राष्ट्रीय हित के खिलाफ है।
मजलिस ने प्रशासन से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि विश्वविद्यालय के गेट को नहीं तोड़ा जाए क्योंकि इससे सरकार की बदनामी होगी। इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाया जाना चाहिए।