कृष्णकांत
उनके लिए 20 लाख करोड़ का कोई मोल नहीं है जिनके बच्चे रोटी कमाने गए थे और अब जान गवां रहे हैं. हर दिन एक से दो दर्जन मजदूर सड़कों पर मारे जा रहे हैं, सरकारें पैकेज पैकेज खेल रही हैं. जो पैकेज शेयर बाजार की आवारा पूंजी तक को सहारा नहीं दे सका, वह पैदल चल रहे लाखों भारतीयों के किस काम आएगा? मारे गए युवकों के मां बाप तो यही कहेंगे कि आग लगा दो ऐसे खजाने को जो हमारे बच्चों की जान नहीं बचा सकते.
21 साल का नौजवान पैदल चलते हुए मारा गया. मजदूरों का एक समूह हैदराबाद से चला था और ओडिशा जाना था. वे 300 किलोमीटर चल चुके थे. तेलंगाना के भद्राचलम पहुंचे थे. तीन दिन तक 40 डिग्री तापमान में पैदल चलते रहे. करीब 300 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद युवक को अचानक सीने में दर्द उठा. उल्टियां होने लगीं. वह सड़क पर गिर गया. साथी मजदूर उसे भद्राचलम अस्पताल ले गये. अस्पताल पहुंचने से पहले ही युवक की मौत हो गई. डॉक्टरों ने बताया कि युवक का शरीर और मुंह एकदम सूखा हुआ था. आशंका है कि तेज धूप और गर्मी के चलते उसकी मौत हुई है. युवक के साथियों ने बताया कि सोमवार दोपहर से उन सभी ने कुछ भी नहीं खाया था. यानी ये मजदूर भूखे पेट सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलते रहे.
इसके अलावा, सड़क हादसों में 13 मई को सड़क हादसों में कम से कम 16 मजदूरों की मौत हो गई जबकि 100 से ज्यादा घायल हो गए. ये हादसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में हुए. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में बुधवार देर रात को पैदल घर जा रहे मजदूरों को एक तेज रफ्तार रोडवेज बस ने कुचल दिया. इस दुर्घटना में 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं. ये सभी पंजाब से पैदल ही वापस अपने घर गोपालगंज, बिहार लौट रहे थे.
मध्य प्रदेश के गुना में हुए सड़क हादसे में 8 मजदूरों की मौत हो गई. यहां एक कंटेनर और यात्री बस की टक्कर हो गई है, जिसमें 8 मजदूरों की मौत हो गई जबकि 50 से ज्यादा घायल हुए हैं. गुना के कैंट थाना क्षेत्र में बुधवार देर रात ये घटना घटी. लगभग 65 मजदूर कंटेनर में सवार होकर महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश जा रहे थे. इस दौरान गुना बाईपास पर सामने से आ रही यात्री बस और कंटेनर की भिड़ंत हो गई.
तीसरा हादसा बिहार में हुआ जहां 2 मजदूरों की मौत हुई. समस्तीपुर जिले के उजियारपुर थाना क्षेत्र के शंकरपुर चौक के पास बस और ट्रक की टक्कर हो गई. जिसमें दो मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 5 से अधिक घायल हो गए हैं. ये लोग मुंबई से अपने घरों को लौट रहे थे. यह सभी मजदूर मुजफ्फरपुर से कटिहार की ओर जा रहे थे. इसके पहले 12 मई को भी महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में मिलाकर आधा दर्जन मजदूरों की मौतें हुई थीं.