सब्जी बेचकर गुज़ारा कर रहीं थीं पुलवामा में वीरगति को प्राप्त हुए जवान की विधवा, तस्वीर हुई वायरल तो सोरेन सरकार ने

कृष्णकांत

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

पुलवामा के शहीद की पत्नी सब्जी बेच रही हैं. किसी शहीद का इससे बड़ा अपमान क्या हो सकता है? देश की जनता ने शहीद परिवारों के लिए कई सौ करोड़ डोनेट किए थे, वह किसकी तोंद में समा गया, ईश्वर जाने. 14 फरवरी 2019 को पुलवामा की घटना हुई. 40 जवान शहीद हुए. फिर चुनाव आया और शहादत को लेकर चुनावी पोस्टर बने, वोटों की फसल काटी गई. शहीदों के परिवारों को लेकर खूब पाखंड भी मीडिया में छाया था.

14 फरवरी, 2020 को पुलवामा हमले की पहली बरसी थी. सुबह कशिश न्यूज नाम की वेबसाइट में एक खबर देखी की झारखंड के शहीद की पत्नी सब्जी बेच रही हैं. मन बहुत दुखी हुआ लेकिन मुझे यकीन नहीं हो रहा था. झारखंड के गुमला जिले के शहीद विजय सोरेंग का परिवार एक साल बाद भी सरकारी मदद का इंतजार कर रहा है. शहीद की पहली बरसी पर उनकी पत्नी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई जिसमें वो सड़क किनारे बैठकर सब्जी बेच रही थीं.

इसकी खबर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लगी तो उन्होंने जिलाधिकारी को मदद पहुंचाने का आदेश दिया है. अब सोरेन के आदेश के बाद यह खबर सभी बड़े संस्थानों में है. इसके अलावा, कम से कम आधा दर्जन जवानों के परिजनों के हवाले से मीडिया में खबरें छपी हैं कि घोषणाएं बड़ी बड़ी हुई थीं लेकिन उन्हें फूटी कौड़ी नहीं मिली. मैं शर्मिंदा हूं कि मेरे देश के नेता, मेरे देश के शहीदों के नाम पर चुनावी राजनीति करते हैं, शहादत का अपमान करते हैं और शहीद के परिवारों को धोखा देते हैं.

(लेखक युवा कहानीकार एंव पत्रकार हैं)