साल 2013 में मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार सत्ता में थी, उसने रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी को जेड प्लस सुरक्षा देनी चाही इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘ऐसे व्यक्तियों को सुरक्षा क्यों प्रदान की जा रही है जबकि आम आदमी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है।’
हाल ही में में जेल से फरलो पर छूटे एक दुर्दांत अपराधी राम रहीम को मोदी सरकार जेड प्लस सुरक्षा दे रही है, लेकिन सब मुंह में दही जमाकर बैठे हुए हैं। देश में इस वक्त मात्र 40 लोगो को ही जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जा रही है इस श्रेणी की सुरक्षा में 36 सुरक्षाकर्मी सेवा में तैनात किए जाते हैं. जिनमें एनएसजी के 10 कमांडोज भी शामिल होते हैं इन कमांडोज को अत्याधुनिक हथियारों के साथ तैनात किया जाता है. इसमें तीन घेरे में सुरक्षा की जाती है. पहले घेरे में एनएसजी सुरक्षा में लगाए जाते हैं, इसके बाद एसपीजी के अधिकारी तैनात किए जाते हैं और इसके साथ ही आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान भी सुरक्षा में लगाए जाते हैं.
आप सोचकर देखिए कि ऐसी सुरक्षा एक ऐसे अपराधी को दी जा रही है जिसने रेप और मर्डर जैसे जघन्य अपराध किए हैं! राम रहीम अपनी मृत्यु तक जेल में रहेगा उसे डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में उम्रकैद, पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या में उम्रकैद और अपने आश्रम में आने वाली श्रद्धालु लडकियों से बलात्कार करने के जुर्म में 20 साल जेल की सजा सुनाई जा चुकी है.
रेप के प्रकरण में फैसला देते वक्त सीबीआई अदालत के जज ने कहा कि एक ऐसे व्यक्ति को नरमी पाने का कोई हक नहीं है जिसे न तो इंसानियत की चिंता है और न ही उसके स्वभाव में दया-करूणा का कोई भाव है. उन्होंने कहा कि किसी धार्मिक संगठन की अगुवाई कर रहे व्यक्ति की ओर से किए गए ऐसे आपराधिक कृत्य से देश में सदियों से मौजूद पवित्र आध्यात्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संस्थाओं की छवि धूमिल होना तय है.
मात्र अपने राजनीतिक हित साधने के मोदी सरकार ऐसे अपराधी को जेल से निकालती है और उसे जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा देती हैं, ताकि वह अपने अनुयायियों को बीजेपी को वोट देने की अपील कर दे, हरियाणा की बीजेपी सरकार कहती है कि राम रहीम कट्टर अपराधी नहीं है अगर दो दो मर्डर और रेप का आरोपी कट्टर अपराधी नही है तो कट्टर अपराधी आप किसे कहेंगे? मोदी सरकार घटियापन दिखाने में रोज अपनें ही रिकॉर्ड तोड़ती नजर आती हैं.
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)