नई दिल्लीः मुजफ्फरनगर में किसान संगठनों की महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अल्लाहु अकबर के नारे लगाए। टिकैत ने इन नारों को लगाते हुए कहा कि उनके पिता चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत अल्लाहु अकबर और हर-हर महादेव के नारे लगाया करते थे। टिकैत ने कहा कि अब यहां अल्लाहु अकबर और हर-हर महादेव का नारा एक साथ लगेगा, दंगा करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बता दें कि सितंबर 2013 में ही मुजफ्फरनगर में ही सांप्रदायिक दंगे हुए थे, इन दंगों ने जाट मुस्लिम गठजोड़ को भारी आघात पहुंचाया था। दंगों के बाद अब फिर से मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक सद्धभाव देखने को मिल रहा है।
भाजपा की साम्प्रदायिक राजनीति पर अल्लाह-ओ-अकबर और हर हर महादेव का नारा भारी#KisanMahaPanchayat pic.twitter.com/p9XiJOe4XZ
— Faizul Hasan (@hasanfaizulkhan) September 5, 2021
किसान महापंचायत के मंच से लगे इन नारों की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिरवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने सराहना की है। उन्होंने कहा कि जिस दौर में राजनीतिक पार्टियां मुसलमानों का नाम लेने से भी डर रही हों उस वक्त में इतने बड़े मजमे में अल्लाहु अकबर का नारा लगाना वाकई काबिल ए तारीफ है। फैजुल हसन ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस दौर में सारी सेकुलर पार्टी मुसलमानों का नाम लेते डरती हैं उस दौर में मुसलमानों को एक आंदोलन के स्टेज से अल्लाह-ओ-अकबर का नारा लगाकर आज ये ज़रूर मैसेज दे दिया गया कि भाजपा और आरएसएस की नफ़रत की राजनीति का दौर खत्म होने वाला है।
फैज़ुल ने आगे कहा कि जिस मुज़फ्फरनगर में दंगे हुए और बहुतों के घर उजड़ गए आज मोहब्बत की शुरुआत “हर-हर महादेव और अल्लाह-ओ-अकबर” के नारों से की गई। उन्होंने किसान आंदोलन को मज़बूती देने का आह्वान करते हुए कहा कि इस दौरे इंक़लाब का ख़ैर मक़दम दिल खोलकर होना चाहिए और किसानों के इस मुहिम में भरपूर साथ देकर इन्हें मज़बूत कीजिए।
जानकारी के लिये बता दें कि बीते वर्ष केंद्र सरकार बनाए गए कृषि सुधार क़ानून के विरोध में किसान आंदोलन कर रहे हैं। यह आंदोलन नवंबर 2020 में शुरु हुआ था जो अभी तक जारी है। हालांकि बीच-बीच में यह आंदोलन कमज़ोर भी पड़ा लेकिन इसके बावजूद किसानों ने हौसला नहीं हारा। आज मुजफ्फरनगर में हुई पंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने वादा किया कि जब तक आंदोलन सफल नहीं होगा तब तक वे मुजफ्फरनगर की ज़मीन पर क़दम नहीं रखेंगे। इसी पंचायत से उन्होंने अल्लाहु अकबर और हर-हर महादेव के नारे लगाकर सामाजिक सौहार्द का भी पैग़ाम दे दिया।