नई दिल्लीः बटला हाउस फर्जी एनकाउंटर कि तेरहवीं बर्सी के मौके पर इस एनकाउंटर की न्याययिक जांच की मांग को लेकर राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने दिल्ली के जंतर मंतर सहित प्रदेश के अधिकतर जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर द्वारा जिलाधिकारी को प्रेषित कर प्रधानमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन दिया जिसमें बटला हाउस एनकाउंटर की न्यायिक जांच की मांग की गयी है। इस अवसर पर राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने कहा कि, ‘‘2008 में दिल्ली में हुए बम धमाको के 6 दिन बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार के गृह मंत्री के इशारे पर दिल्ली पुलिस द्वारा सरकार की किरकिरी होने से बचाने व मुस्लिम नौजवानो को बलि का बकरा बनाने की नियत से साजिश रच कर 19 सितम्बर, 2008 को दिल्ली के बटला हाउस में फर्ज़ी मुदभेड़ के दौरान दो बेकसुर मुस्लिम नौजावान आतिफ व साजिद के साथ एक जांबाज़ पुलिस इंस्पेक्टर को मौत के घाट उतार दिया गया था और अनेक मुस्लिम नौजवानो को इस केस में फंसा कर उनकी जिंदगीयां बरबाद कर दी गई।
मौलाना रशादी ने बताया कि इस फर्ज़ी एनकाउंटर के खिलाफ राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने आज़मगढ़ से लेकर दिल्ली तक जोरदार विरोध दर्शाया था और मांग की जो कि आज भी जारी है कि इस काण्ड की न्याययिक जांच कराई जाए जिसे ना सिर्फ मुसलमान बल्कि मुल्क के हर न्याय प्रिय नागरिक का सहमती मिली और हर दिशा से न्याययिक जांच के लिए आवाज़े उठने लगी लेकिन य0ुपी0ए0 की निवर्तमान केन्द्रीय सरकार ने इस इन्काउन्टर की न्याययिक जांच न कराकर लोकतंत्र का गला घोंठ दिया।
जरूरी है न्याययिक जांच
पार्टी प्रवक्ता एडवोकेट तलहा रशादी ने कहाकि इस एनकाउंटर के बाद कांग्रेस सरकार ने अपने कानूनी कर्तव्यों का भी पालन से नही किया, जब कि सी0आर0पी0सी0 की धारा 176 के अंतर्गत ‘किसी भी प्रकार के पुलिस टकराव में अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उस घटना की मजिस्ट्रेट जांच करवाना अनिवार्य है, इसी सम्बन्ध में माननीय उच्चतम न्यायालय की भी गाइड लाइन है जिसके अनुसार किसी भी एनकाउंटर की न्याययिक जांच कराया जाना अनिवार्य है। इन सब के बावजूद बटला हाउस एनकाउंटर केस में आरम्भ से ही कानुन कि धज्जियां उड़ाई गईं, एक बहादुर पुलिस अफसर एवं दो प्रतिभावान छात्रों की मौत हुई परन्तु न तो कांग्रेस, न भाजपा की केन्द्र सरकार और नाही चुनाव से पहले इस एनकाउंटर पर सवाल उठाने वाले अरविंद केजरीवाल ने सत्ता में आने के बाद इस काण्ड की जांच करवाना मुनासिब समझा।
तलहा ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है कि इस एनकाउंटर की जांच नही करायी जा रही है? अगर इन्काउन्टर सही था तो जांच में भी तो वही सच निकलकर आएगा‘‘। इसका सच सामने आना ही चाहिये क्योंकि ये एनकाउंटर सिर्फ एक क्षेत्र विशेष के नही बल्कि पूरे देश के मुसलमानों की अस्मिता और देशभक्ति पर सवाल है।
प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर अनिल सिंह ने केन्द्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहाकि प्रधानमंत्री ‘सबका साथ सबका विकास‘ की बात करते हैं पर क्या सबका साथ सबका विकास सबको न्याय के बिना संभव है? केन्द्र की भाजपा सरकार न्याय करने के बजाए पिछली कांग्रेस सरकार के ही ढ़र्रे पर चल रही है तो वही उसके नेता और मंत्री आए दिन नफरत फैलाने वाले बयान देकर देश-प्रदेश में अराजक्ता और संप्रदायिक्ता का माहौल पैदा करने की कोशिश में लगे हुए हैं। बटला हाउस फर्जी एनकाउंटर की न्याययिक जांच की मांग हम तबतक दोहराते रहेंगे जबतक सरकार हमारी मांग को मान नही लेती है। और हमारे उपर लगा कलंक धुल नही जाता है।