रिहाई मंच का सवाल, ‘आरोप तो योगी पर भी हैं, क्या वे खुद पर बुलडोजर की कार्रवाई कर नजीर बनाएंगे?’

इलाहाबादः इलाहाबाद में दस जून को हुए तनाव के बाद रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने इलाके का दौरा करते हुए वरिष्ठ नागरिकों से मुलाकात की. मंच ने अम्बेडकर नगर में वांछित के नाम पर पोस्टर जारी करने, कथित रूप से सहारनपुर में पुलिस द्वारा लोगों को कमरे में बंद करके बेरहमी से पिटाई और हाथरस में लोगों के घरों पर नोटिस चस्पा करने को बदले की कार्रवाई कहा.

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने जावेद मोहम्मद के घर गिराने की घटना पर कहा कि अगर आरोपी के नाम पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई कर योगी नजीर बना रहे हैं तो सबसे पहले उन्हें खुद पर लागू करना चाहिए. हत्या, दंगा, बलवा समेत विभिन्न आरोपों से घिरे योगी आदित्यनाथ अगर यह समझते हैं कि आरोप लगने भर से दोष सिद्ध हो जाता है तो ऐसे में उन्हें खुद को दोषी मानकर रिकवरी लॉ का इस्तेमाल कर खुद नजीर बनना चाहिए. योगी की पुलिस जावेद मोहम्मद को दोषी मानती है तो ऐसे में कैसे किस कानून के तहत उनकी पत्नी के मालिकाने वाले मकान को ढहा दिया गया.

उन्होंने आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ मुस्लिम विरोधी मानसिकता के तहत ऐसा कर रहे हैं. उनके कई मुस्लिम विरोधी बयानों के खिलाफ मामला अदालतों में लंबित है. नुपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई न होने के पीछे भी कारण है कि योगी-मोदी समेत तमाम भाजपा के नेता इसीलिए नेता हैं कि वे संघ प्रायोजित मुस्लिम विरोधी राजनीति को बढ़ाते हैं.

मंच महासचिव ने विपक्ष की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा है की जब योगी आदित्यनाथ अपने संगठन हिन्दू युवा वाहिनी के जरिए साम्प्रदायिक राजनीति का विस्तार करते हुए गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़ मंडल समेत पूरे पूर्वांचल को सम्प्रदायिक हिंसा में शामिल कर रहे थे तब अगर इनके खिलाफ कार्रवाई हुई होती तो ये स्थितियां नहीं होती. बुलडोजर की कार्रवाई के जरिए योगी बदले की कार्रवाई के तहत विरोधियों को कुचल रहे हैं.