सुनील कुमार धनवंता आईपीएस हैं। शादी के लिए पुलिस की सुरक्षा बुलानी पड़ी है। एडीएम, एस डी एम के नेतृत्व में फ़ोर्स तैनात करना पड़ा। घटना राजस्थान के आंतेला की है। ख़बर पत्रिका की है। सुनील कुमार कार से भी जा सकते थे लेकिन जब जाति के कारण किसी को घोड़ी चढ़ने से रोका जाए तो ऐसा करना ज़रूरी है। लेकिन आप इसे एक और नज़रिए से देखिए।
किसी जाति को लेकर अपर कास्ट में कितनी नफ़रत भर दी गई है कि एक आई पी एस को भी इसे भुगतना पड़ रहा है। अपर कास्ट को इस जाति से क्या मिला है? यही कि किसी से नफ़रत करना है। इस नफ़रत ने उसे बीमार कर दिया है । यह कोई एक जगह की घटना नहीं है। हाल ही में मध्य प्रदेश के दमोह में ओबीसी लड़का जब दलित लड़की से शादी करने गया तो पुलिस की सुरक्षा में घोड़ी चढ़ना पड़ा। तो इस समाज में नफ़रत का विस्तार हो गया है। हर कोई अपने कुनबे तक सिमटता जा रहा है।
जिस समाज में नफ़रत करने का ऐसा अभ्यास हो वह धर्म के नाम पर मुसलमानों से नफ़रत को नरसंहार की मानसिकता तक ले ही जाएगा। इस तस्वीर को देखकर हर किसी को शर्म आनी चाहिए। सुनील कुमार की शादी 18 फ़रवरी को है। हमारी तरफ़ से बधाई। सुनील कुमार बिना दहेज शादी कर रहे हैं। इस तरह से वे अपने समाज और दूसरे समाज से लड़ रहे हैं। ऐसे योद्धा को सलाम करना तो बनता है। आप सभी बधाई दें।