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ओलंपिक में इसराइल का बहिष्कार करने वाला खिलाड़ी बोला ‘ओलंपिक से ज्यादा जरूरी है फ़लस्तीन का मुद्दा’

नई दिल्लीः अल्जीरियाई एथलीट को जापान की राजधानी टोक्यो में चल रहे ओलंपिक में फिलिस्तीनियों का समर्थन करना, महंगा पड़ा। अल्जीरियाई खिलाड़ी को न केवल आयोजन से निष्कासित कर दिया गया बल्कि घर वापस भेज दिया गया। विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टोक्यो ओलंपिक 2020 में अल्जीरिया का प्रतिनिधित्व करने वाले 30 वर्षीय जूडो खिलाड़ी फाति नूरेन ने इजरायली एथलीट का सामना करने से इनकार कर दिया था।

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बताया जा रहा है कि फाति नूरन ने फिलिस्तीनियों के समर्थन में इजरायली खिलाड़ी का सामना करने से इनकार कर दिया था। 30 वर्षीय एथलीट ने अपने फैसले का हवाला देते हुए कहा कि वह उस देश के खिलाड़ी के साथ नहीं खेल सकते जो उत्पीड़ित फिलिस्तीनियों पर अत्याचार करता है। उन्होंने कहा कि “मैंने ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन फिलिस्तीन की समस्या इससे भी बड़ी है,”

क्यों हो रहा इसराइल का बहिष्कार

इसी वर्ष अप्रैल मई के महीने में इसराइल की सेना द्वारा फ़लस्तीनियों पर बम बरसाए गए थे, इसराइल के इस हमले में 265 के क़रीब लोगों की मौत हुई थी, मरने वालों में बड़ी संख्या महिलाओं और बच्चों की थी। इसके बाद से इसराइल का लगातार विरोध होता रहा है। यूरोप के कई खिलाड़ियों ने इसराइल के विरोध और फ़लस्तीन के समर्थन में खेल के मैदान पर ही फलस्तीनी के झंडे से फहराकर अपना इसराइल का खुला विरोध किया था। बता दें कि इसराइल और फलस्तीन के बीच दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से लगातार संघर्ष जारी है।

इज़राइली खिलाड़ी से भिड़ेंगी सऊदी की खिलाड़ी

टोक्यो ओलंपिक में सऊदी अरब की महिला जूडो खिलाड़ी इजरायली एथलीट के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगी। सऊदी और इज़राइली महिला जूडो प्रतियोगिता 30 जुलाई को होगी, जूडो खिलाड़ी अल-क़हतानी सऊदी अरब के 33 सदस्यीय दस्ते का हिस्सा है। अल-कहतानी 78 किग्रा जूडो वर्ग में सऊदी अरब का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। इस्राइल के खिलाड़ी के खिलाफ उनका मैच 32वें दौर में है।