लखनऊः उर्दू शिक्षक भर्ती मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। चार हज़ार उर्दू शिक्षक भर्तियों को बहाल कराने के लिये संघर्ष कर रहे उर्दू शिक्षको ने आज लखनऊ में पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब से मुलाक़ात की है। इस मुलाक़ात के बाद डॉ. अय्यूब ने लखनऊ स्थित प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया। और सरकार से मांग की भर्तियों को बहाल किया जाए, और इन शिक्षकों को उनका हक़ दिया जाए।
पत्रकारों से बात करते हुए डॉक्टर अय्यूब ने बताया कि 20 अक्टूबर 2016 से लगातार 56 दिन लक्ष्मण मेला मैदान लखनऊ में धरना देने के फलस्वरूप 15 दिसंबर 2016 को चार हज़ार उर्दू शिक्षकों की भर्ती का शासनादेश हुआ, तथा 22 मार्च 2017 से भर्ती काउंसलिंग शुरु हो गई। 23 मार्च को बिना किसी उचित कारण के भर्ती प्रक्रिया पर ग़ैरकानूनी ढ़ंग से रोक लगा दी गई। उर्दू शिक्षक भर्ती आवेदकों द्वारा उप मुख्यमंत्री एंव मुख्यमंत्री जी से भर्तियों पर लगी रोक हटाने के लिये बार बार निवेदन किया गया, उनके ध्यान न देने पर मजबूर होकर आवेदको द्वारा हाईकोर्ट रें रिट पिटीशन दाखिल किया गया। जिसमें तीन नवंबर 2017 को हाईकोर्ट ने सरकार को दो महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने का निर्देश दिया।
पीस पार्टी अध्यक्ष ने बताया कि हाईकोर्ट इस आदेश को स्थगित कराने के लिये सरकार ने हाईकोर्ट की डबल बेंच में याचिका डाली तब हाईकोर्ट ने भी 12 अप्रैल 2018 को दो महीने के अंदर सरकार द्वारा उर्दू शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कराने का आदेश दिया। हाईकोर्ट की डबल बेंच के आदेश से हताश होकर सरकार ने 18 अगस्त 2018 को अनियमित व असंवैधानिक तरीक़े से उर्दू शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को ही निरस्त करने का आदेश जारी करके हाईकोर्ट में दोबारा रिव्यू पिटीशन दाखिल की जिसमें हाईकोर्ट ने दोबारा तीन नवंबर 2017 के आदेश को बहाल रखते हुए भर्ती प्रक्रिया दो महीने के अंदर पूर्ण करने का आदेश 25 मार्च 2019 को दिया।
डॉक्टर अय्यूब ने बताया कि इसके बाद सरकार हाईकोर्ट की अवमानना से बचने के लिये इस प्रकरण को, स्थगन आदेश प्राप्त करने हेतु हाईकोर्ट में ले जाने का प्रयास कर रही है। उर्दू शिक्षक आवेदक टी.ई.टी. पास करने के साथ शिक्षा विभाग की भर्तियों के लिये सभी आवश्यक मानक पूरा करते हैं। लेकिन प्रदेश सरकार जानबूझकर बदनीयती से और ग़ैर कानूनी ढ़ंग से भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाकर आवेदकों के साथ भेदभाव, अन्याय, व उत्पीड़न कर रही है। जिस कारण पीस पार्टी के लोग उर्दू शिक्षक भर्ती आवेदकों के लिये अधोलिखित ज्ञापन के द्वारा अपनी मांग कर रहे हैं। पीस पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि यदि सरकार द्वारा हमारी मांग पर ध्यान नहीं दिया गया तो पीस पार्टी शांतिपूर्ण जन आंदोलन के लिये बाध्य होगी। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।