नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम में दिल्ली की जनता ने एक बार फिर आम आदमी पार्टी पर विश्वास जताया है। 21 साल बाद भी भाजपा के लिये दिल्ली दूर रही, वहीं दिल्ली के भाजपा कार्यालय में मंगलवार की सुबह एक पोस्टर लगा, इस पोस्टर पर गृहमंत्री अमित शाह की तस्वीर लगी हुई है और पोस्टर पर ‘विजय से हम अंहकारी नहीं होते और पराजय से हम निराश नहीं होते’ लिखा हुआ है।
वहीं भाजपा नेता और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य आतिफ रशीद का ट्वीट भी चर्चा का केन्द्र बना हुआ है। उनके ट्वीट्स में भाजपा की हार दुःख साफ नज़र आ रहा है। आतिफ ने अपने एक ट्वीट में कहा कि कोई जीते कोई हारे मैंने अपना मत दिया समय दिया साथ दिया भविष्य में भी दूँगा एग्ज़िट पोल को नहीं मानता हार से भी नहीं डरता जीत की ठानता हूँ गिरता हूँ उठता हूँ लेकिन लड़ता हूँ लड़ता रहूँगा टूटना मंज़ूर हैं झुकना नहीं भक्त हूँ भक्त था भक्त रहूँगा!
युद्ध है तो युद्ध को मुंह खोलने दो
— Atif Rasheed (@AtifBjp) February 11, 2020
रक्त को ज्वालामुखी-सा बोलने दो
दफ़्न कर दो लिजलिजपन के स्वरों को
क्रान्ति के उदघोष को बल तोलने दो।।
पाँख कोमल सूर्य छूने में फुंके हैं
आस के अतिशय भुलावे में चुके हैं
क्या पता था दिन सुहाने यूं छलेंगे
आज भी हम भोर के सुख में झुके हैं।।
एक और ट्वीट में उन्होंने कहा कि युद्ध है तो युद्ध को मुंह खोलने दो, रक्त को ज्वालामुखी-सा बोलने दो, दफ़्न कर दो लिजलिजपन के स्वरों को, क्रान्ति के उदघोष को बल तोलने दो।, पाँख कोमल सूर्य छूने में फुंके हैं, आस के अतिशय भुलावे में चुके हैं., क्या पता था दिन सुहाने यूं छलेंगे, आज भी हम भोर के सुख में झुके हैं।
कोई जीते कोई हारे मैंने अपना मत दिया समय दिया साथ दिया भविष्य में भी दूँगा एग्ज़िट पोल को नहीं मानता हार से भी नहीं डरता जीत की ठानता हूँ गिरता हूँ उठता हूँ लेकिन लड़ता हूँ लड़ता रहूँगा टूटना मंज़ूर हैं झुकना नहीं भक्त हूँ भक्त था भक्त रहूँगा !#भारत_माता_की_जय
— Atif Rasheed (@AtifBjp) February 10, 2020
गौरतलब है कि दिल्ली चुनाव में भाजपा नेताओं की तरफ जेएनयू और जामिया के छात्रों को टुकड़े टुकड़े गैंग कहकर संबोधित किया था, खुद अमित शाह ने कई रैलियों में बार बार कहा कि तय करना है कि आप देश के साथ हैं, या शाहीन बाग़ के साथ हैं, इतना ही नहीं एक रैली में तो उन्होंने यहां तक कह दिया कि आठ फरवरी को ईवीएम का बटन इतनी ज़ोर से दबाईए कि बटन बाबरपुर में दबे और करंट शाहीन बाग़ में लगे। इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा पूरी तरह इस कोशिश में लगी रही कि किसी तरह ध्रुवीकरण हो जाए, लेकिन दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी पर अपना भरोसा बरकरार रखा।