Latest Posts

अफगानी जनता और विदेशी लोगों की सुरक्षा को यकीनी बनाये तालीबान की नयी सरकार: मुफ़्ती अशफाक़ हुसैन कादरी

नयी दिल्ली : ऑल इंडिया तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ़्ती अशफाक़ हुसैन कादरी ने प्रेस को जारी किये गये अपने बयान में कहा कि अफगानिस्तान मे जनता द्वारा चुनी गयी हुकूमत तालीबान द्वारा खत्म कर दी गई पूरे देश में खौफ और दहशत फैलीं हुई है इस समय अफगानिस्तान में हमारे देश के लोगों के अतिरीक्त दूसरे देशों के भी बहुत से लोग फसें हुए हैं और विदेशी नागरिकों की सुरक्षा एक चिंता का विषय है हम आशा करते हैं कि तालीबान हुकूमत वहाँ फसे हमारे देश के नागरिकों के साथ दूसरे देशों के नागरिकों की सुरक्षा को यकीनी बनायेंगे और भविष्य में अपनी हुकूमत की शक्तियों द्वारा बिना भेदभाव अफगानिस्तान में मौजूद सभी नागरिकों और सभी प्रवासियों की जान-माल, इज्ज़त व आबरूह की रक्षा करेंगे और किसी भी धर्म के अनुयायीओं को नुकसान नहीं पहुंचायेंगे और नहीं उनके धार्मिक स्थलों को क्षति ग्रस्त करेंगे.

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

मुफ़्ती अशफाक़ ने कहा कि तालीबान द्वारा अफ़ग़ानिस्तान पर कब्जा करने की वजह से  सुन्नी सूफ़ी मुसलमान चिंतीत है, हम लोग इस घटनाक्रम पर क़रीबी नज़र रखे हुए है, तालीबान ने ऐलान किया है कि हम अफगानिस्तान में शरई कानून लागू करेंगे, अगर तालीबान शरई कानून की आड़ में अफ़ग़ानी जनता पर जूल्म करता है तो यह कतन बर्दाश्त नहीं किया जायेगा जहाँ जहाँ भी हुकूमतों ने शरई कानून लागू किया है वहा रह रहे अल्पसंख्यक समुदाय यानि हिन्दू, सिख़, इसाई, बुधि्ष आदि लोगों को मुकम्मल अधिकार दिये है, इस्लामिक कानून उन अल्पसंख्यकों के जान माल की हिफाजत की बात करता है इसलिए तालीबान की भी जिम्मेदारी बनती है कि अफगानिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की गैरंटी दे।

उन्होने कहा कि तालीबान एक कट्टरपंथी विचार धारा वाला संगठन है इसका हमने पहले भी विरोध किया था और आज भी हम तालीबान को तस्लीम करने के लिए तैयार नहीं है हम विश्व शक्तियों और खासकर मुस्लिम देशों से भी अपील करते है कि वो अफगानिस्तान में तालीबान की नयी हुकूमत पर दबाब बनाये की वो किसी भी धर्म विशेष को नुकसान न पहुचाये और न हीं उनके इबादत खानो को क्षति पहुचाये. उन्होने आगे कहा कि अमेरिका ने पूरी दुनिया को धोखा दिया है, तालीबान से वारता करने के बाद अमरीका खामोशी के साथ अफगानिस्तान से निकल गया, 2001-2021 तक 20 साल का अरसा अमरीकी फौजियों ने अफगानिस्तान में गुजारा और ये सिर्फ तालीबान को कुचलने और दबाने में लगे रहे मगर क्या वजह हुयी की सिर्फ एक महीने में ही तालीबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। इस राज़ का पर्दाफाश होना जरूरी है।

भारत के अफगानिस्तान पर बडे़ एहसान है अफगानिस्तान के निर्माण में भारत का योगदान वहाँ की जनता और हुकूमत खूब जानती है, भारत ने अफगानिस्तान की तरक्की और डवलपमेंट के लिए बडे बडे कदम उठाये है, इसलिए हम तालीबान से कहना चाहते हैं कि अपनी सरजमीन को भारत के ख़िलाफ़ इस्तेमाल होने न दें, चीन और पाकिस्तान ये जरूर चाहेंगे कि अफगानिस्तान में बैठ कर भारत के खिलाफ साजिश रची जाये मगर ये तालीबान की जिम्मेदारी है कि भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले देशों के जाल में न फसें और ऐसे देशों को साजिश रचने से रोके।