गरीब को और ग़रीब, अडानी-अंबानी को और अधिक अमीर बनाने पर आमादा है सरकार!

हाल ही में राहुल गांधी सदन में ऑक्सफैम की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बता रहे थे कि मोदी राज में देश के 98 सबसे अमीर लोगों के पास 55.5 करोड़ गरीब लोगों के बराबर दौलत इकठ्ठी हो गई है, दुनिया मे गरीबों की सबसे संख्या भारत में निवास कर रही है ऑक्सफैम इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में पिछले साल गरीबों की संख्या दोगुनी हो गई है, जबकि देश में 40 नए अरबपति बने हैं।

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अरबपतियों की संख्या में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर हैं चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत में दुनिया में तीसरे सबसे अधिक अरबपतियों की संख्या है. दरअसल मोदी राज में अरबपतियों की बढ़ती संख्या अच्छी अर्थ व्यवस्था की नहीं है, खराब होती अर्थ व्यवस्था की संकेतक है. जो लोग कठिन परिश्रम करके देश के लिए भोजन उगा रहे हैं, इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहे हैं, फैक्टरियों में काम कर रहे हैं, उन्हें अपने बच्चों की फीस भरने,, दवा खरीदने और दो वक्त भोजन जुटाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है और इसके विपरीत अमीरों की दौलत बढ़ती ही जा रही है भारत के टॉप के दस दौलतमंद उद्योगपतियों के पास इतनी दौलत हो गयी है कि वे आगामी 25 सालों तक देश के सभी स्कूल – कॉलेजों के लिए फंडिंग कर सकते हैं, भारत के टॉप 98 परिवारों की कुल दौलत भारत सरकार के टोटल बजट का करीब 41% है।

कोरोना काल मे स्थिति बद से बदतर हो गई है वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम 2022 के पहले दिन प्रकाशित ऑक्सफैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व के शीर्ष 1,000 सबसे धनी लोग COVID-19 महामारी के कारण हुई आर्थिक क्षति से सिर्फ 9 माह में उबरने में सफल रहे हैं, जबकि विश्व की सबसे गरीब आबादी को इस महामारी के दुष्प्रभाव से उबरने और पूर्व COVID-19 स्थिति को प्राप्त करने में एक दशक का समय लग सकता है। 2021 में जहां भारत में 84 प्रतिशत परिवारों की आय में गिरावट आई, वहीं भारतीय अरबपतियों की संख्या 102 से बढ़कर 142 हो गई।

इन अरबपतियों पर वार्षिक संपत्ति कर लगाने से हर साल 78.3 अरब अमेरिकी डॉलर मिलेंगे, जिससे सरकारी स्वास्थ्य बजट में 271 फीसदी बढ़ोतरी हो सकती है. कल राहुल गांधी ने सदन में खुल कर अडानी अंबानी का नाम लिया भारत में पिछले साल सबसे अमीर 100 परिवारों की संपत्ति में वृद्धि का लगभग पांचवां हिस्सा सिर्फ अदानी घराने के पास आया है.

कोरोना काल में गौतम अडानी, विश्व स्तर पर 24वें स्थान पर और भारत में दूसरे स्थान पर आ गए हैं  2020 में 8.9 बिलियन अमरीकी डॉलर से 2021 में 50.5 बिलियन अमरीकी डॉलर तक एक साल में उनकी कुल संपत्ति आठ गुना बढ़ गई. वहीं, मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 2021 में 85.5 अरब डॉलर हो गई, जो 2020 में 36.8 अरब डॉलर थी. साफ दिख रहा हैं कि संपत्ति का असमान वितरण गरीबो को और गरीब कर रहा है और मोदी सरकार अडानी अंबानी को अमीर बनाने पर पूरी तरह से आमादा हैं.

(लेखक आर्थिक मामलों के जानकार एंव स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं)