नई दिल्लीः केरल के डीजीपी रहे डॉ. एन.सी अस्थाना ने दिल्ली पुलिस से आंदोलनकारियों पर लाठियां बरसाने की अपील करने वालों की खिंचाई की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि “कानून धर्म के आड़े आता है, अवश्य आता है, लेकिन तब जबकि मामला धर्म विशेष का हो। कानून की लाठी उन पर विशेष रूप से बरसती है। इसी कारण से पिछले साल कुछ लोगों ने ये नारा देने का दुस्साहस किया था कि दिल्ली पुलिस लट्ठ बजाओ, हम तुम्हारे साथ हैं, मोटे मोटे लट्ठ बजाओ, हम तुम्हारे साथ हैं।”
कानून धर्म के आड़े आता है, अवश्य आता है, लेकिन तब जबकि मामला धर्म विशेष का हो। कानून की लाठी उन पर विशेष रूप से बरसती है। इसी कारण से पिछले साल कुछ लोगों ने ये नारा देने का दुस्साहस किया था कि दिल्ली पुलिस लट्ठ बजाओ, हम तुम्हारे साथ हैं, मोटे मोटे लट्ठ बजाओ, हम तुम्हारे साथ हैं।
— Dr. N. C. Asthana, IPS (Retd) (@NcAsthana) October 16, 2021
डॉक्टर अस्थाना ने समाचार पत्र दैनिक भास्कर भी खिंचाई की है। दरअस्ल भास्कर ने अपने प्रिंट संस्करण में एक ख़बर प्रकाशित करके बताया है कि लद्दाख में इकोनमी तेज़ी से बढ़ी है। डॉ. अस्थाना ने लिखा कि “चमचे अखबार दैनिक भास्कर की राय में देश में बेरोज़गारी दूर करने का सॉल्यूशन है, लद्दाख में फौज की तैनाती बढ़ा देना। पकौड़ा रोज़गार योजना की अपार सफलता के बाद अब ये है अंडा, दूध रोज़गार योजना! अब हर युवा है खुशहाल!”
सैनिक को खाना नियम से फ्री मिलता है। भक्ति में अंधे दैनिक भास्कर ने ये नहीं समझा कि इसके बावजूद अगर सैनिक अपने वेतन का 15% वहीं अपने ऊपर खर्च कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि वे अपने परिवारों को उतना कम भेज पा रहे हैं। तो उनके परिवार खुशहाल हुए या फटेहाल?
— Dr. N. C. Asthana, IPS (Retd) (@NcAsthana) October 17, 2021
एक और ट्वीट में उन्होंने कहा कि “सैनिक को खाना नियम से फ्री मिलता है। भक्ति में अंधे दैनिक भास्कर ने ये नहीं समझा कि इसके बावजूद अगर सैनिक अपने वेतन का 15% वहीं अपने ऊपर खर्च कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि वे अपने परिवारों को उतना कम भेज पा रहे हैं। तो उनके परिवार खुशहाल हुए या फटेहाल?”
सिंघू बाॅर्डर पर हत्या की क्रूरता से जो लोग विचलित हो रहे हैं वे याद रखें कि कल तक लेखों में और हिस्ट्री चैनल आदि पर बने प्रोग्रामों में इन्हीं लोगों की तारीफ़ें होती थीं। जब मध्ययुगीन मानसिकता और लाइफ़स्टाइल को बेवजह महिमामंडित करियेगा तो उनकी उस युग की बर्बरता भी झेलनी पड़ेगी।
— Dr. N. C. Asthana, IPS (Retd) (@NcAsthana) October 16, 2021
पूर्व डीजीपी डॉक्टर अस्थाना ने मीडिया चैनल्स को भी फटकार लगाई है, उन्होंने कहा कि “सिंघू बाॅर्डर पर हत्या की क्रूरता से जो लोग विचलित हो रहे हैं वे याद रखें कि कल तक लेखों में और हिस्ट्री चैनल आदि पर बने प्रोग्रामों में इन्हीं लोगों की तारीफ़ें होती थीं। जब मध्ययुगीन मानसिकता और लाइफ़स्टाइल को बेवजह महिमामंडित करियेगा तो उनकी उस युग की बर्बरता भी झेलनी पड़ेगी।”