नई दिल्लीः पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के चेयरमैन ओ एम ए सलाम ने अपने एक बयान में काले कानून अफस्पा को पूर्ण रूप से वापस लेने की अपील की है। नागालैंड, असम और मणिपुर राज्यों में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) के तहत आने वाले क्षेत्रों को कम करने का सरकार का मौजूदा फैसला उन क्षेत्रों के लोगों के लिए एक राहत है।
पीएफआई ने कहा कि यह कानून सुरक्षा बलों को निर्धारित क्षेत्रों में शक के आधार पर किसी भी व्यक्ति पर गोली चलाने, किसी को भी गिरफ्तार करने और बिना वारंट के तलाशी लेने की अनुमति देता है। इस तरह इस कानून ने हर ऐसे क्षेत्र में लोगों के जीवन को तबाह कर के रख दिया है, जहां यह लागू है। पिछले कुछ दशकों से कश्मीर और उत्तर-पूर्वी राज्यों में मनमानी हत्या और गिरफ्तारी के लिए इन विशेषाधिकारों का बहुत ज़्यादा दुरूपयोग देखा जा रहा है, जिससे जनता के अंदर आक्रोश की लहर है।
पीएफआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अफस्पा एक असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक कानून है। इसका वजूद मानवाधिकारों और देश के फेडरल दर्जे के लिए अत्यंत खतरनाक है। इसलिए पॉपुलर फ्रंट अफस्पा को पूरे देश से वापस लेने और साथ ही यूएपीए, राजद्रोह कानून और पीएमएलए जैसे काले कानूनों को भी निरस्त करने की मांग करता है।