जिस दिन सुमी में 700 बच्चे पानी के लिए तरस रहे थे हमारे प्रधानमंत्री बनारस में डमरू बजा रहे थे।

रवीश कुमार

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यूक्रेन में भारत के राजदूत ने कहा है कि सुमी में फँसे भारतीय छात्र धैर्य रखें । उनके निकाले जाने के प्रयास हो रहे हैं। छात्रों को जोखिम उठाकर बाहर नहीं निकलना चाहिए। उम्मीद है प्रयास रंग लाएगा। बात करने से सरकार पर दबाव पड़ता है वरना जिस दिन सुमी में बच्चे पानी के लिए तरस रहे थे हमारे प्रधानमंत्री बनारस में डमरू बजा रहे थे। सात सौ बच्चे जान की गुहार लगा रहे हों और प्रधानमंत्री डमरू बजा रहे हैं। यह बता रहा है कि यही काम मोदी की जगह दूसरे किसी नेता ने किया होता तो गोदी मीडिया तूफ़ान मचा देता और बताता कि ऐसे  संकट में प्रधानमंत्री को क्या क्या करना चाहिए।

हमारे प्रधानमंत्री को अलग अलग लोकेशन पर फ़ोटो खिंचाने के लिए कहाँ से इतना वक्त मिलता है? प्रधानमंत्री ने ही टिक टॉक बंद करवा दिया है वरना इस चुनाव में अपना टिक टॉक रील बनवा रहे होते। अख़बारों में माहौल बनने लगा कि पेट्रोल की क़ीमत कितनी बढ़ेगी। किसी अख़बार में एक्सपर्ट 10 रूपया लीटर बढ़ाने की बात कर रहे हैं तो किसी में 13 रुपया। प्रधानमंत्री को क्या फ़र्क़ पड़ता है। वो डमरू बजाते रहेंगे।

हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली का आंदोलन तेज हुआ

हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारी और शिक्षक पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन कर रहे हैं। पेंशन की पुरानी व्यवस्था लागू होनी चाहिए। सभी को इसका समर्थन करना चाहिए। मुझे तो कोई भी सरकार पेंशन देगी मैं ले लूँगा। वैसे सरकारी सेवा में नहीं हूँ तो कोई नहीं देगी लेकिन तब भी इस बात के हक़ में हूँ कि सरकारी कर्मचारी को पेंशन मिलना चाहिए। हिमाचल सरकार को डराने की जगह लागू करने की व्यवस्था करनी चाहिए। आप कर्मचारियों को डरा नहीं सकते। पेंशन लागू करें।

(लेखक जाने-माने पत्रकार हैं, यह लेख उनके फेसबुक पेज से लिया गया है)