श्रीनगर/नई दिल्लीः धर्मांतरण पर जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली तक सियासत गरमाई हुई है। हिंदुवादी संगठन जहां इसे साजिश के तौर पर देख रहे हैं, वहीं धर्मांतरण करने वाले युवक और युवतियों के वीडियो भी सामने आ रहे हैं, जिसमें उन्होंने धर्मांतरण पर फैलाए जा रहे प्रोपेगेंडे को खारिज किया है। इसी क्रम में एक ओर युवती का वीडियो सामने आया है, जिसने धर्मांतरण पर हो रही सियासत को खारिज करते हुए अपनी मर्जी से धर्मांतरण करने की बात स्वीकार की है।
जानकारी के लिये बता दें जम्मू-कश्मीर में दो सिख युवतियों के धर्मांतरण का मामला सामने आया था, जिस पर भाजपा और हिंदुवादी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था। अब उन्हीं में से एक युवती का वीडियो सामने आया है। बता दें कि जिस युवती का वीडियो सामने आया है उसके बारे लापता होने के दावा किया जा रहा था अब उसने खुद वीडियो जारी कर सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. युवती ने कहा कि मैंने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया है और मेरे साथ किसी तरह की जबरदस्ती नहीं हुई है।
युवती ने एक वीडियो में कहा कि यह मामला आज का नहीं है बल्कि 2012 में ही मैंने सिख धर्म छोड़कर इस्लाम कबूल कर लिया था. उन्होंने कहा कि न मेरा अपहरण हुआ है और न ही मेरे साथ किसी तरह की जबरदस्ती की गई है. सिख लड़ने ने बयान में कहा कि 2014 में अपने बैच मेट मुजफ्फर के साथ मैंने मर्जी से निकाह किया है।
मैं कोई बच्ची नहीं हूं
वीडियो में युवती ने साफ किया कि वह कोई छोटी बच्ची नहीं है कि उसके साथ कोई ज्यादती की जाए बल्कि 28 साल की युवती ने कहा कि मुझे अपने बारे में फैसला लेने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि मैं लापता या किडनेप नहीं हूं बल्कि परिवार के साथ हूं।
उन्होंने बताया कि जब मैंने पुलिस की मदद लेनी चाही तो मेरे दस्तावेजों को ठीक से नहीं देखा गया और लिखित में मेरा बयान तक नहीं लिया. मेरे पति को जेल में डालकर मुझे मेरे परिवार वालों के सुपुर्द कर दिया गया. इसके बाद घरवाले मुझे अमृतसर लेकर आ गए जहां मुझ पर दवाब बनाया जाने लगा।
युवती ने दावा किया कि पंजाब में सिख समुदाय के लोगों ने मेरा ब्रेन वॉश करने की कोशिश की और मेरे मुस्लिम पति के खिलाफ बयान देने का दबाव बनाया. उन्होंने कहा कि मुझे पति के पास नहीं जाने दिया गया. साथ ही लगातार मुझे धमकियां मिल रही हैं कि अगर लड़के के खिलाफ बयान नहीं दिया तो गोली मार दी जाएगी वरना एडिट अटैक कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मैं जज के सामने जाने को तैयार हो गई।
इसके बाद हाई कोर्ट में मैंने बयान दिया कि सब कुछ मेरी रजामंदी से हुआ है और मैं किसी बेगुनाह को फंसा नहीं सकती. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने भी मेरी बात को ध्यान से सुना और सारे दस्तावेज देखे. कोर्ट में मेरा बयान बगैर किसी दबाव के हुआ और मैंने वहां सब सच बताया. उन्होंने कहा कि मेरे पति पर लगाए गए आरोप झूठे हैं।
प्रोपेगेंडा को किया खारिज
युवती ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि यह एक निजी मामला है और इसे किसी भी रूप में धर्म या अल्पसंख्यक समुदाय से नहीं जोड़ा जा सकता. उन्होंने कहा कि मेरे निकाह को लेकर प्रोपगेंडा फैलाया जा रहा है और नफरत परोसी जा रही है. लड़ने ने कहा कि मुझे अपने अधिकार मालूम हैं और मेरे साथ कोई अन्याय नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी धर्मिक आजादी और बालिग को अपनी मर्जी से शादी का अधिकार देता है।
इससे पहले अकाली नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया कि हाल में कश्मीर में चार सिख महिलाओं का जबरन निकाह कराया गया और उन्हें इस्लाम धर्म कबूल करवाया गया. उन्होंने महिलाओं को उनके परिवार को सौंपने और जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ एक कानून की मांग की है. इसके लिए उन्होंने श्रीनगर में सिख समुदाय के लोगों के साथ प्रदर्शन भी किया, साथ ही उप राज्यपाल से मुलाकात भी की है।