पटनाः राजद के युवा नेता तेजस्वी यादव ने बिहार चुनाव में दस लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा करके अपने प्रतिद्वंदी पार्टियों के मुश्किल में डाल दिया है। हालांकि भाजपा ने वादा किया है कि अगर फिर से राज्य में एनडीए की सरकार बनती है तो 19 लाख नौकरियां दी जाएंगी। लेकिन तेजस्वी यादव के वादे के सामने एनडीए का वादा कमज़ोर नज़र आ रहा है। इसकी बड़ी वजह यह है कि साल 2014 में लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रत्येक वर्ष दो करोड़ लोगों को नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद उस पर अमल नहीं हो पाया।
राजद नेता ने सोशल मीडिया पर बिहार चुनाव के लिये अपने घोषणा पत्र के मुख्य बिंदुओं को बयान किया है। उन्होंने कहा कि प्रण हमारा, संकल्प बदलाव का, ये सच होने वाला है। बिहार के बेरोजगार युवाओं को 10 लाख नौकरी, कैबिनेट की पहली बैठक के साथ शुरू होगी बहाली की प्रक्रिया। संविदा प्रथा खत्म करना, सभी को समान काम का समान वेतन दिया जाएगा। सरकारी विभागों में निजीकरण को बंद किया जाएगा।
राजद के घोषणा पत्र के मुताबिक बिहार में उनकी पार्टी की सरकार बनने पर नियोजित शिक्षकों को समान वेतनमान। कार्यपालक सहायक लाइब्रेरियन उर्दू शिक्षकों की बहाली की जाएगी। बिहारी युवाओं को सरकारी परीक्षा फॉर्म भरने के लिए आवेदन शुल्क नहीं देना होगा और परीक्षा केंद्र तक की यात्रा मुफ़्त होगी। आंगनबाड़ी सेविका सहायिका, आशा कर्मी, ग्रामीण चिकित्सक की मांगे पूरी की जाएंगी। किसानों का कर्ज़ माफ़ किया जाएगा। बिजली दर घटाई जाएगी।
राजद ने वादा किया है कि अगर सूबे में उनकी सरकार बनती है तो पुरानी पेन्शन योजना को लागू किया जाएगा। वृद्धा पेंशन को 400₹ से बढ़ाकर 1000₹ प्रति माह किया जाएगा। नई उदार उद्योग नीति लाई जाएगी। व्यवसायिक आयोग का गठन किया जाएगा। कारोबारियों की सुरक्षा और भय मुक्त व्यापार के लिए औद्योगिक क्षेत्रों में व्यापारिक सुरक्षा दस्ते का गठन किया जाएगा। बजट का 22 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा पर खर्च किया जाएगा। सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में मातृभाषा के साथ अंग्रेज़ी और कंप्यूटर की पढ़ाई अनिवार्य की जाएगी।
राजद के घोषणा पत्र के मुताबिक़ पिछड़े और दलित छात्रों को इंटरमीडिएट में 80 प्रतिशत से अधिक अंक लाने पर लैपटॉप दिया जाएगा। सभी सरकारी स्कूलों में छात्रों के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था, स्कूली छात्राओं को सेनेटरी नैपकिन निशुल्क दी जाएगी। राज्य में किसी भी सरकारी नौकरी में स्थानीय नीति लागू की जाएगी। कम से कम 85 प्रतिशत आरक्षण स्थानीय अभ्यर्थियों के लिए सुनिश्चित किया जाएगा। बेरोजगार युवाओं को 1500 रुपये बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा।