टीम इंडिया वह है जहां लोग एकजुट हों, विभक्त नहीं : राहुल गांधी

मलप्पुरम: कांग्रेस नेता और वायनाड के सांसद राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि टीम इंडिया वह है, जहां देश के समक्ष चुनौतियों का सामना करने के लिए हर कोई अपने धर्म, भाषा या समुदाय से इतर हटकर एक साथ आता है, न कि ऐसा, जो केंद्र की सत्तारूढ़ सरकार मानती है।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

केरल के मलप्पुरम जिले में संतोष ट्रॉफी विजेताओं को सम्मानित करने और विभिन्न टीमों को फुटबॉल जर्सी वितरित करने से संबंधित एक कार्यक्रम में गांधी ने कहा कि जिस प्रकार फुटबॉल या क्रिकेट टीम को जीतने के लिए उसके सभी खिलाड़ियों को एक इकाई के रूप में खेलने की आवश्यकता होती है, वैसे ही भारत भी एक टीम है, जिसकी सफलता ‘यहां के सभी लोगों, धर्मों, भाषाओं, राज्यों और सभी समुदायों’ के एकजुट होने पर आधारित है।

उन्होंने कहा, ‘‘यही टीम इंडिया है। हालांकि, हमारे पास एक सत्तारूढ़ सरकार है जो इसे नहीं समझती । वे सोचते हैं कि भारत को धर्म, भाषा , समुदाय के आधार पर विभाजित करके टीम इंडिया सफल हो सकती है। आप नफरत और विभाजन का परिणाम देख सकते हैं। आप उस आर्थिक पतन को देख सकते हैं जो हुआ है। आप बेरोजगारी देख सकते हैं जो हर एक व्यक्ति के मामले में स्पष्ट है।’’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘इसलिए, मेरी आपको सलाह है कि जिस तरह आप टीम में अपने साथी खिलाड़ियों के साथ व्यवहार करते हैं, उसी तरह सभी भारतीयों को एक टीम के रूप में देखना चाहिए। सभी को एक साथ आगे लेकर जाएं। चाहे वे कहीं से भी आते हों, उनके धर्म, भाषा या समुदाय की परवाह किए बिना, उनके साथ व्यवहार करें। तब टीम इंडिया अपने सामने उत्पन्न सभी चुनौतियों से पार पाएगी।’’

गांधी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि भारत (की सफलता) केवल तभी संभव है, जब यह ‘धर्मनिरपेक्ष भारत’ होगा।

कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘कोई दूसरा भारत संभव नहीं है। एक भारत जो धार्मिक और भाषाई आधार पर विभाजित है, वह अब भारत नहीं है। भारत सभी राज्यों, धर्मों, भाषाओं और समुदायों का एक संघ है और भारत का अस्तित्व तभी है जब यहां रहने वाला हर व्यक्ति सहज महसूस करता है।’’ गांधी केरल के तीन दिवसीय दौरे पर थे और आज रात दिल्ली लौटेंगे।