टाटा स्टील अपनी क्षमता बढ़ाने का सिलसिला जारी रखेगी: चंद्रशेखरन

नयी दिल्ली: टाटा स्टील के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने मंगलवार को कहा कि कंपनी आधारभूत ढांचा क्षेत्र की गतिविधियों में सुधार का लाभ उठाने की मजबूत स्थिति में है और कंपनी ने इस्पात बाजार में तेजी के चक्र के बीच सामान्य पूंजीगत विस्तार और अधिग्रहण एवं विनिवेश के माध्यम से कारोबार के विस्तार का क्रम जारी रखा है।

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टाटा स्टील के चेयरमैन चंद्रशेखरन ने निदेशक मंडल की सिफारिश के अनुसार शेयरधारकों को 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वित्त वर्ष के लिए प्रति शेयर 51 रुपये के लाभांश की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आंशिक रूप से चुकता शेयरों पर प्रति शेयर 12.75 रूपये का लाभांश दिया जाएगा। निदेशक मंडल ने कंपनी के शेयरों का 10:1 के अनुपात में विभाजन करने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि इससे बाजार में इस स्टॉक को खरीदना-बेचना और सुविधाजनक होगा तथा छोटे शेयरधारकों के लिए इसको खरीदना और आसान होगा।

कंपनी की वार्षिक आम सभा (एजीएम) को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सामान्य पूंजीगत विस्तार कार्यक्रम के तहत कंपनी कलिंगनगर(ओडीशा) में चालू वित्त वर्ष के दौरान 60 लाख टन वार्षिक क्षमता का पैलेट संयंत्र और उसके पश्चात 50 लाख टन क्षमता का कोल्ड-रोल मिल कॉम्पलैक्स चालू कर देगी। उन्होंने कहा कि इससे ‘कंपनी को लागत की बचत होगी और उत्पादों की सूची समृद्ध होगी।’

चंद्रशेखरन ने कंपनी की कारोबार में वृद्धि की योजनाओं के बारे में शेयरधारकों को जानकारी देते हुए कहा कि इस्पात उद्योग में सुधार के वर्तमान चक्र में टाटा स्टील ने अपने कारोबार का पैमाना बढ़ाने का प्रयास जारी रखा। इसके लिए सहज विस्तार और विलय तथा अधिग्रहण के जरिए क्षमता बढ़ाने के लिए दोनों प्रकार के रास्ते अपनाए गए।

उन्होंने कहा कि सहज विस्तार के क्रम में कंपनी ने कलिंगनगर कारखाने में वार्षिक 50 लाख टन क्षमता के विस्तार की योजना के तहत 60 लाख टन वार्षिक क्षमता के पैलेट संयंत्र और 22 लाख टन क्षमता के कोल्ड रोलिंग मिल परिसर के लिए पूंजी का आवंटन बढ़ाती रही है।

चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी ने वर्ष के दौरान गाडर और सरिया उत्पाद, खनन और उन्नत सामग्री के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण अधिग्रहण किए इनमें 12,100 करोड़ रुपये की लागत से निलांचल इस्पात निगम लिमिटेड का अधिग्रहण है। यह अधिग्रहण कंपनी की अनुसंगी टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स के माध्यम से किया जाएगा। कलिंगनगर संयंत्र के नजदीक होने के कारण यह अधिग्रहण हमारे लिए महत्वपूर्ण है और यह निकट भविष्य में हमारे लॉन्ग प्रोडक्ट कारोबार का केंद्र बन सकता है। उन्होंने बताया कि कंपनी का लक्ष्य निलांचल इस्पात में उत्पादन एक साल में बढ़ाकर उसकी पूरी क्षमता के अनुसार 11 लाख टन वार्षिक करने का लक्ष्य है।