सुल्ली डील एप्प: मुस्लिम महिलाओं की ‘नीलामी’ और बदनामी के पीछे किसकी मानसिकता?

पंकज चतुर्वेदी

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मुस्लिम समाज की महिलाओं, लड़कियों को बदनाम करने के लिये एक मानसिकता विशेष के लोग किस हद तक गिर सकते हैं, सुल्ली डील एप्प उसका जीता जागता उदादरण है। असल में यह खुलासा एक निजी एयर लाइन्स की पायलेट के द्वारा हुआ क्योंकि उनका फोटो भी इस एप्प पर था, हल्ला हुआ तो दिल्ली पुलिस ने एक मुक़दमा दर्ज कर लिया, दिल्ली महिया आयोग ने भी एक पात्र भेज कर औपचारिकता पूरी कर दी, दिल्ली पुलिस ने भी सात समुन्दर पार जिस प्लेटफोर्म पर यह एप्प बनाया गया था।  प्लेटफार्म गिटहब (GITHUB) उसे नोटिस जारी कर दिया, जिस देश में यहीं बैठे फेसबुक और ट्विटर सालों तक यहीं जवाब नहीं दे रहे जाहिर है कि गिटहब का जवाब ना जाने कब तक आएगा।

 

असल में दिल्ली पुलिस इस मामले में ओई कार्यवाही करना ही नहीं चाहती। जानलें नफरती समाचार के लिए कुख्यात वेबसाईट ऑप इंडिया के संस्थापक सम्पादक और अब ऑप इंडिया को छोड़ कर अपनी अलग वेबसाईट “डू पोलिक्स चलाने वाले अजीत भारती ने पांच जुलाई 2021 को सुबह 10:19  बजे ट्विट करके लिखा “किसी ने ‘सुल्ली डील्स’ नाम से एक ऐप बना दिया है। लिखा है मनपसंद सुल्ली आपको मिल जाएगी। यह उन्होंने सामान्य समाज की सहायता हेतु बनाया है। मैं तकनीक और ओपन सोर्स का बचपन से पक्षधर रहा हूं। लिंक दे रहा हूं आप लोग जांच लें।”

जब इस पर बवाल हुआ तो उसने अपना उपरोक्त तवीत डिलीट कर लिया और उससे भी अधिक घटिया ट्विट सुबह 10:26 मिनिट पर डाला। इस ट्वीट का एक ही लक्ष्य था, आपको बताना कि ‘उनका’ तंत्र कितना व्यापक, त्वरित और संगठित है कि कोई ऐसा ऐप या कुछ भी बनता है, तो वो तुरंत विक्टिम बनते हुए, नैरेटिव भी मैनेज करते हैं, और पीछे से उस पर दबाव बनाते हुए कार्रवाई करवाते हैं। ऐप हटाया जा चुका है।

 

मई, 2021 में ईद -उल-फितर के दौरान भी  एक यूट्यूब चैनल ‘लिबरल डोज’ महिलाओं की ईद की तस्वीरों का इस्तेमाल कर उनकी ऑनलाइन ‘नीलामी’ की थी। उन तस्वीरों पर अश्लील कमेन्ट किये गए थे । ग़ौरतलब है कि इस चैनल के ट्विटर पेज को भी अजीत भारती फ़ॉलो करते हैं। सुल्ली एप के लिंक दिल्ली में ही व्हाट्स एप से वायरल किये जा रहे थे। महज अभद्र या भड़काऊ  मेसेज शेयर करने पर दिल्ली और यूपी पुलिस कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है खासकर एक संप्रदाय विशेष के लेकिन इस मामले में अभी तक अजीत भारती से पूछताछ तक नहीं की गयी है, आई.टी. एक्ट के तहत इस तरह का ट्विट या सन्देश भेजने वाले भी उतने ही दोषी हैं लेकिन दिल्ली पुलिस का रवैया संदिग्ध है।

बिडम्बना है कि कसी में स्ट्रीम मीडिया ने अजीत भारती की इस हरक़त पर न तो खबर चलाई और ना ही कहीं इस पर कोई बहस होती दिखी होगी। यदि आपके परिचय के कोई लोग जिनकी तस्वीरें इस एप में इस्तेमाल हुयी  हैं, जानकारी में हों और वे राजस्थान, तमिलनाडु, केरल, छत्तीसगढ़, पंजाब या महाराष्ट्र के हों तो उनसे स्थानीय थाने में रिपोर्ट करने को कहें।  ऐसे नफरती लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही जरुरी है। दिल्ली का एक मानवाधिकार संगठन शायद इस पर कोई कानूनी कार्यवाही भी कर रहा हैं। चुप ना बैठें आज वे हैं कल आपके घर की बहन बेटियों के साथ भी ये यही करेंगे।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)