लखनऊः पूर्वांचल की सियासत में खासा दखल रखने वाले बहुजन समाज पार्टी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिब्ग़तुल्लाह अंसारी अपने समर्थकों के साथ सपा में शामिल हो गए। उनके साथ अंबिका चौधरी ने भी समाजवादी पार्टी की सदस्यता ले ली।
सिब्ग़तुल्लाह अंसारी गाजीपुर के मोहम्मदाबाद विधानसभा सभा क्षेत्र से 2007 में सपा और 2012 में अपनी खुद की पार्टी कौमी एकता दल से विधायक रहे हैं। हालांकि उन्होंने 2017 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था उन्हें हार का सामना करना पड़ा। माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव के दौरान ही अंसारी बंधुओं ने हाथी की सवारी से उतर कर साइकिल पर सवार होने की रणनीति तैयार की गई। इसके लिए कई दौर की बातचीत की गई।
बता दें कि विधानसभा चुनाव के लिए फूंक-फूंक कर कदम रख रही समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी विधायक मुख्तार अंसारी और सांसद अफजाल अंसारी को पार्टी की सदस्यता दिलाने से अभी परहेज कर रही है। ऐसे में बीच का रास्ता निकालते हुए उनके बड़ भाई सिब्ग़तुल्लाह अंसारी को सदस्यता दिलाई गई। दरअसल, पूर्वांचल की 10 सीटों पर अंसारी बंधुओं का प्रभाव है।
फिर हुई सपा में वापसी
अंसारी बंधुओं ने 2012 का विधानसभा चुनाव अपनी खुद की पार्टी क़ौमी एकता दल बनाकर लड़ा था। अपनी पार्टी के बैनर से सिब्ग़तुल्लाह अंसारी और मुख्तार अंसारी विधायक चुने गए। लेकिन सूबे में सपा की सरकार बनी तो क़ौमी एकता दल ने समाजवादी पार्टी को समर्थन दे दिया। लेकिन 2017 का विधानसभा चुनाव आते-आते इस परिवार को सपा से मोहभंग हो गया, और अंसारी परिवार ने बसपा में विलय कर लिया।
2017 में बहुजन समाज पार्टी ने अंसारी बंधुओं को तीन टिकट दिए जिसमें घोसी सीट पर मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने चुनाव लड़ा, लेकिन वे जीत दर्ज नहीं कर पाए, वहीं सिब्ग़तुल्लाह ने मोहम्मदाबाद से चुनाव लड़ा लेकिन वे भी जीत दर्ज नहीं कर पाए, जबकि मुख्तार अंसारी मऊ सदर सीट से चुनाव जीतने में सफल रहे। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने मुख्तार अंसारी के भाई अफ़ज़ाल अंसारी को गाज़ीपुर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा और उन्होंने भाजपा के कद्दावर नेता मनोज सिन्हा को भारी मतों से शिकस्त दी।