मौजूदा स्थिति लोकतंत्र या अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत नहीं है: डॉ. एम.जे ख़ान

नई दिल्लीः इंडियन मुस्लिम फॉर प्रोग्रेस एंड रिफॉर्म (IMPAR) ने देश में बढ़ती सांप्रदायिकता पर चिंता व्यक्त की है। इम्पार के अध्यक्ष डॉ. एम.जे ख़ान ने कहा कि साम्प्रदायिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। यह देश और हम सभी के लिए कट्टरवाद के खिलाफ खड़े होने और परिपक्वता दिखाने का समय है। मौजूदा स्थिति लोकतंत्र या अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत नहीं है। दोनों पक्षों में बढ़ता कट्टरवाद और इसकी अभिव्यक्ति, और कुछ मामलों में अधिकारियों द्वारा निष्क्रियता और दूसरों में अति कार्रवाई, अच्छे संकेत नहीं भेज रहे हैं। सामाजिक समरसता और आर्थिक विकास के लिए शांति और न्याय ज़रूरी है।

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डॉ. एम.जे ख़ा ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लिए चिंताजनक स्थिति यह है कि समाज में सामान्य धारणा, जैसा कि सोशल मीडिया प्रतिक्रियाओं से आंका जाता है, नए निचले स्तर पर है। भाजपा नेताओं की बकवास बातों के कारण मुस्लिम समुदाय को जो भी थोड़ी सहानुभूति मिली थी, हमने सड़क पर आंदोलन करके स्थिति को उलटने में कोई समय नहीं गंवाया। अनुमानतः, राज्य मशीनरी द्वारा अति प्रतिक्रिया और भारी बल प्रयोग और बड़ी संख्या में मुक़दमे, कुछ अनुचित भी, लगाए जा रहे हैं। दंगा भड़काने वाले मुमकिन है बच जाएं, लेकिन कई निर्दोष आंदोलनकारियों के परिवारों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि हम एक समुदाय के रूप में अभी भी नहीं सीखा है कि हमारे लिए क्या अच्छा है और क्या भारी नुक्सान का सबब, भड़काऊ तकरीरों से भावनाओं में बहकर इस्लाम के नाम पर इस्लाम का ही भारी नुकसान करते हैं।

डॉ. ख़ान ने कहा कि नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अभियान चल रहे हैं। क्या हम वाकई उसकी गिरफ्तारी का जोखिम उठा सकते हैं? क्या हम बड़े पैमाने पर संभावित प्रतिक्रिया का सामना करने के लिए तैयार हैं? क्या हम सोशल मीडिया पर उसकी लोकप्रियता का ग्राफ नहीं देख सकते? जबकि हम नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग करते हैं, और सही भी है, लेकिन मुझे अभी तक एक भी मुस्लिम जनाब तसलीम रहमानी की गिरफ्तारी की मांग करते हुए नहीं मिला, जिसने बहस को उकसाया? उन्होंने कहा कि जमीन पर आम मुसलमान बहुत बड़ी कीमत चुका रहा है, लेकिन क्या हमने अपने बीच के ऐसे किरदारों की निंदा भी की है? आइए इस बात को आज समझ लें या कल भारी कीमत अदा करके?

इम्पार ने कहा कि हम बीजेपी को हराना चाहते हैं, लेकिन उन सभी कृत्यों और व्यक्तियों से प्यार करते हैं, जो चुनाव दर चुनाव बीजेपी को समृद्ध राजनीतिक फसल काटने में मदद करते हैं। हम उन लोगों की ईमानदारी पर संदेह करते हैं जो समझदारी और व्यावहारिक समाधान की बात करते हैं, लेकिन, महान स्वयंभू ‘धर्मनिरपेक्ष’ के रूप में ऐसे सभी कारिंदों की प्रशंसा करते हैं जो ध्रुवीकरण कराने वाले एजेंटों का आँख बंद करके अनुसरण करते हैं, जो भाजपा को हराने के लिए खुला आह्वान और ज़ज़्बाती तकरीरें करते हैं। डॉ. एम.जे. ख़ान ने कहा कि क्या हमने कभी विश्लेषण किया है कि उनके प्रदर्शनों, कट्टरपंथी बयानों, टीवी में गरमागरम बहस करने, उन्मादपूर्ण भाषणों और आंसू बहाने वाले वीडियो के इरादे या निहितार्थ क्या हैं? ऐसे तत्व सांप्रदायिक शक्तियों की राजनीतिक मदद नहीं करते हैं? आज के स्तिथि में मध्यम पथ पर चलना कठिन है, जो आपको दोनों तरफ के कट्टरपंथियों के निशाने पर पर ले जाता है।

उन्होंने कहा कि IMPAR इम्पार पहले दिन से ही इस चुनौती का सामना कर रहा है। हमारे चरमपंथी चाहते हैं कि दुनिया हमारे लिए बदले बिना हमें एक इंच बदले, मुझे IMPAR के शुरुआती दिनों की याद आती है जब एक अंग्रेजी चैनल एक समर्पित बहस हुई थी की इम्पार क्यों बना (Why IMPAR )? एंकर ने पांच सदस्यीय IMPAR पैनल से पूछा कि आप चाहते हैं कि दुनिया आपके लिए बदल जाए, आप क्या बदलने को तैयार हैं? पूरी तरह सन्नाटा छा गया. आज भी हमारे पास कोई जवाब नहीं है। शुरू किए गए किसी भी सामाजिक सुधार के खिलाफ बड़ी संख्या में हदीस का हवाला देकर इसके खिलाफ आवाज़ बुलंद की जाती हैI आज हमने धर्म के सार को भुला दिया है और इसे धर्मचिन्हों तक सीमित कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि हम दीवार पर साफ़ साफ़ लिखे को पढ़ने से इनकार करते रहे हैं। जब तक हम अपने विचारों और कार्यों को नहीं बदलते और अपने दृष्टिकोण में समझदार और अधिक चौकस नहीं हो जाते, तब तक आने वाले रुझान अधिक समस्याग्रस्त दिनों की ओर इशारा करते हैं। मेरा एक गैर-मुस्लिम मित्र कल अपने तीन मित्र उद्योगपतियों  की प्रतिक्रियाओं को साझा कर रहा था, जहां उनमें से एक ने उल्लेख किया कि वह संभावित परेशानी के लिए किसी भी मुसलमान को भर्ती नहीं करेगा, दूसरे, एक ड्रोन निर्माता ने कहा कि वह मुस्लिम ग्राहकों को ड्रोन बेचने से बचेगा और तीसरे ने स्वीकार किया कि उसके पास 2,000 में से केवल एक मुस्लिम कर्मचारी है, और वह उससे भी बाहर निकलने की योजना बना रहा है। डॉ. ख़ान ने कहा कि जब मेरे दोस्त ने उनसे पूछा कि एक धर्मनिरपेक्ष देश में इस पर सवाल उठाया जाएगा, तो उन्होंने जवाब दिया कि यह उनकी कंपनी है और वे इसे एक अलिखित नीति बनाकर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं? मुस्लिम युवाओं के भविष्य की कल्पना करें, जब निजी क्षेत्र में ऐसी धारणाएं बन जाएँ, जो क्षेत्र 95% से अधिक नई नौकरिया पैदा करता हो? कब तक हम मुसलमानो की छवि और बच्चों के भविष्य को ज़ज़्बाती भाषण माफियाओं और कट्टरपंथियों के हाथों गिरवी रखते रहेंगे?

डॉ. ख़ान ने कहा कि हमें अरब दुनिया पर निर्भर होकर कुछ हासिल होने वाला नहीं है और हाल ही में जो हुआ, उस पर बहुत खुश होने की ज़रुरत नहीं है। तेजी से विश्व पटल पर अधिपत्य जमाता भारत  इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं होगा। आम हिंदू तेजी से कट्टरपंथी और आक्रामक होता जा रहा है। हमें अपने देश के सिस्टम और संस्थानों पर भरोसा रखना होगा, चाहे कुछ भी खामियां हों। हमें अपने आचरण और योगदान को सुधारने और आम आदमी का दिल जीतने के लिए कड़ी मेहनत करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि धर्म की अधिक खुराक और परिणामी कट्टरता ने महान समाजों को नष्ट कर दिया है। हम कोई अपवाद नहीं हो सकते। हमें इसे अपने आचरण और चरित्र से ज़मींन पर दिखाना होगा।