पेगासस स्पाईवेयर मामला: SIO ने कहा ‘Pegasus सॉफ्टवेयर द्वारा निगरानी मानव गरिमा व स्वतंत्रता के लिए खतरा’

नई दिल्ली: Pegasus सॉफ्टवेयर द्वारा निगरानी ने न सिर्फ भारतीय बल्कि दुनियाभर के लोगों की निजता व स्वतंत्रता को खतरे में डाल दिया है। जिस प्रकार से आम लोगों की व्यक्तिगत जासूसी की जा रही है या उनके उपकरण की तलाशी ली जा रही है, ये व्यक्तिगत स्वतंत्रता के लिए खतरे की घंटी है। देश में मनुष्य की गरिमा, स्वतंत्रता, मौलिक अधिकार, निजता का अधिकार और व्यक्ति की सुरक्षा को दांव पर लगाया जा रहा है।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

अधिकारों के हनन के अलावा इस सॉफ्टवेयर का उपयोग विपक्षी आवाज के खिलाफ सबूतों की उगाही भी है। गौरतलब हो कि भीमा कोरेगांव केस में इसी प्रकार के सॉफ्टवेयर व खुफिया – निगरानी तंत्र का दुरुपयोग कर सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ मनगढ़ंत सबूत लगाकर फर्जी तरीके से फंसाया गया था।

इस प्रकार के वैश्विक सत्ताधारी प्रवृतियों का इस्तेमाल व्यक्ति के अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने के लिए किया जा सकता है, जो लोकतंत्र के लिए खुला खतरा है। तकनीकी निगरानी का इस्तेमाल जांच पड़ताल के प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए करना इसका एक सकारात्मक पहलू है लेकिन इस प्रकार की तकनीक का दायरा विस्तृत है जो हमारे भविष्य को अंधकारमय बना सकता है।

वैसे भी आई टी के नए नियमों ने गोपनीयता के संबंध में हमारी चिंताएं बढ़ा दी हैं। इस संबंध में हम मानवीय गरिमा, स्वतंत्रता, निजता और अभिव्यक्ति की आजादी के मुद्दे पर विस्तृत विचार विमर्श की मांग करते हैं। यदि नागरिकों को भी प्रयोगशाला के चूहे की भांति व्यवहार किया गया तो यकीनन इंसानों का अस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा।