नई दिल्लीः कर्नाटक हाई कोर्ट ने कई महीने से चल रहे हिजाब विवाद पर आज अपना फैसला सुनाया है। अदालत ने हिजाब पहनने की मांग करने वाली छात्राओं की याचिका खारिज कर दी है। इस पर स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सलमान अहमद ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अदालत आस्था के मामले में पंच नहीं हो सकती
एसआईओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हमारा मानना है कि अदालत का काम यह बताना नहीं होना चाहिए कि किसी भी धर्म में क्या ज़रूरी है और क्या ग़ैर-ज़रूरी! हम उन सभी मुस्लिम छात्राओं के साथ हैं जो कर्नाटक उच्च न्यालय द्वारा दिए गए फैसले से प्रभावित हैं। हम वर्तमान में संभावित उपायों पर क़ानूनी राय मांग रहे हैं।
क्या कहा अदालत ने
न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मुस्लिम महिलाओं द्वारा हिजाब पहनना इस्लाम के तहत आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है और विद्यालय के यूनिफॉर्म का निर्धारण केवल एक उचित प्रतिबंध है, जिस पर छात्र-छात्राएं आपत्ति नहीं कर सकते। न्यायालय की पीठ ने यह भी कहा कि राज्य सरकार के पास इस संबंध में आदेश जारी करने का अधिकार है।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ऋतु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जे. एम. काजी की तीन सदस्यीय पीठ ने यह फैसला सुनाया। न्यायालय ने इस संबंध में सुनवाई के 11वें दिन 25 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इससे पहले पीठ ने एक अंतरिम आदेश पारित किया था, जिसमें छात्र-छात्राओं को निर्धारित ड्रेस कोड वाले कॉलेजों में कक्षाओं में भाग लेने के दौरान हिजाब, भगवा शॉल या किसी भी धार्मिक झंडे का उपयोग नहीं करने का आदेश दिया गया था।