असम मिजोरम सीमा विवाद पर हुई हिंसा पर भाजपा विधायक कौशिक राय ने कहा है कि “मिजोरम यह न भूले कि अगर हम जरूरी सामान और चीजों की आवाजाही को न अनुमति दें, तब उनके लोग भूखे तक मर सकते हैं। हम सरकार या फिर पुलिस की नहीं सुनेंगे। हमें अपने लोगों की मौतों का बदला लेना चाहिए। हमें पूरी तरह से “आर्थिक नाकाबंदी” सुनिश्चित कर देनी चाहिए।” कौशिक राय को अपने राज्यों के पुलिसकर्मियों की शहादत पर ऐसा बयान दे सकते हैं, क्योंकि एक तो वे विधायक हैं, दूसरे उनका संबंध भारतीय जनता पार्टी से है। कौशिक राय मिजोरम का हुक्का पानी बंद करने की धमकी देकर भी जेल से बाहर रह सकते हैं क्योंकि वे कौशिक राय हैं, शरजील इमाम नहीं।
#Mizoram must not forget if we don’t allow movement of essential commodities their people will die of hunger. We won’t listen to govt or the police. We shall avenge the deaths of our men. We shall ensure full economic blockade: #Assam BJP MLA Kaushik Rai pic.twitter.com/Csx9qc01GN
— ইন্দ্রজিৎ | Indrajit (@iindrojit) July 31, 2021
ज़रा याद कीजिए! जेएनयू छात्र शरजील इमाम ने क्या इसी से मिलता जुलता बयान नहीं दिया था? असम पुलिस के पांच जवान शहीद हुए तो कौशिक राय ने मिजोरम से बदला लेने की तमन्ना ज़ाहिर कर दी, लेकिन नस्लवादी क़ानून के ख़िलाफ प्रदर्शन करने वाले उत्तर प्रदेश, बिहार, के तीस के क़रीब संविधान सेनानियों की शहादत पर किसी को बोलने का अधिकार नहीं था। क्योंकि उनके नाम ‘कौशिक राय’ की तरह नहीं थे। जैसा बयान देने के आरोप में शरजील इमाम पर देश के कई राज्यों में मुकदमा दर्ज किया गया, उन पर देशद्रोह लगाया गया जिस वजह से वे अभी भी जेल में हैं।
It’s high time we call out the propaganda spread about Sharjeel Imam and demand to #ReleaseSharjeelImam. pic.twitter.com/0u72Bk044R
— Kaushik Raj (@kaushikrj6) September 18, 2020
क्या किसी तथाकथित राष्ट्रवादी में हिम्मत है कि वह भाजपा के विधायक कौशिक राय पर मुकदमा दर्ज कराए? उनकी गिरफ्तारी की मांग करे? उनके बयान को देशद्रोह करार दे? क्या सरकार में इतना माद्दा है कि वह निष्पक्षता का प्रमाण देते हुए कौशिक राय पर एनएसए लगाए? मैं शरजील इमाम के बयान से सहमती ज़ाहिर नहीं कर रहा हूं, बल्कि यह सवाल कर रहा हूं कि एक जैसा ही ‘अपराध’ करने पर कौशिक राय असम की विधानसभा का सदस्य बरक़रार रहते हैं, उनके ख़िलाफ मुक़दमा तक दर्ज नहीं होता, लेकिन एक होनहार छात्र शरजील इमाम को खूंखार अपराधियों की तरह प्रस्तुत किया जाता है।
“They will come to create chaos & start a riot, but you should not pick up stones, u should handle the rioters to the police,” said Sharjeel Imam.
The man who advocated peace & talked about law & order in the Shaheen Bagh protest is booked under UAPA. The unjust system for you. pic.twitter.com/cZlqFIJWKs
— Nabiya Khan | نبیہ خان (@NabiyaKhan11) June 1, 2020
शरजील के बयान पर उत्पात मचाने वाले भारतीय मीडिया के गिद्धों की नज़र क्या कौशिक राय के बयान पर नहीं पड़ी? राष्ट्रवाद, देशभक्ति, न्याय, और प्रशासनिक कार्रावाई का यह दोहरा मापदंड मुझ जैसे न जाने कितने भारतीयों का मुंह यह कहकर चिड़ाता है कि यही तो भारतीय लोकतंत्र की ख़ूबसूरती है।