सहारनपुर: उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के बहुचर्चित खनन माफिया एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल उर्फ बाले के खिलाफ बेनामी संपत्ति के मामले की जांच में पुलिस ने उसके करीबी शनि नागपाल और अजय चांदना के भी शामिल होने की बात कही है।
सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने गुरुवार को बताया कि उनकी ओर से एसपी देहात सूरज कुमार राय की अध्यक्षता में गठित की गई एसआईटी की जांच में नये और चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। तोमर ने बताया कि एसआईटी जांच में शनि नागपाल और अजय चांदना के नाम सामने आए हैं। इसमें पता चला है कि नागपाल के नाम कई जगहों पर हाजी इकबाल की कृषि भूमि, राजस्व रिकार्ड में दर्ज है।
वहीं, अजय चांदना के बैंक खातों में सीधे पैसों का लेनदेन होने की बात भी सामने आयी है। एसआईटी को फोन काल डिटेल के आधार पर भी कई सबूत मिले हैं। तोमर ने बताया कि एसआईटी की जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उन्हें प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय भी इकबाल बाले के खिलाफ अवैध खनन के मामलों की जांच कर रहा है।
इसके अलावा सहारनपुर के सदर बाजार निवासी अजय चांदना इलाके के बड़े प्रोपर्टी डीलर हैं। एसआईटी नागपाल और चांदना से इकबाल बाले के संपर्कों की भी जांच करेगी। तोमर ने बताया कि पुलिस की कई टीमें इकबाल बाले की गिरफ्तारी के लिये प्रयासरत हैं, लेकिन वह अभी पुलिस के हाथ नहीं आया है।
गौरतलब है कि तोमर ने ही इकबाल बाले पर शिकंजा कसते हुए उसकी बेनामी संपत्ति के मालिक एवं पूर्व ब्लाक प्रमुख लईक राव और मुंशी नसीम पुत्र अब्दुल गफ्फार निवासी मिर्जापुर को गैंगस्टर एक्ट में जेल भेजा था। तोमर के मुताबिक नसीम गांव का एक मामूली मजदूर है, लेकिन उसके नाम तीन चीनी मिलें और 600 बीघा जमीन है। वहीं नसीम के बेटे नदीम के पास 35 बीघे का बाग है। मिर्जापुर पुलिस ने 21 अप्रैल को उसे गिरफ्तार कर उसे जेल भेजा था। वहीं, सहारनपुर की जिला अदालत ने पूर्व ब्लाक प्रमुख लईक राव को जमानत पर रिहा कर दिया हैं।
इकबाल बाले के वकील इंद्रभान यादव के मुताबिक पूर्व एमएलसी, उसके बेटे वाजिद, जावेद, आलीशान और अफजान ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सहारनपुर पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ याचिका दायर की है जिसे उच्च न्यायालय ने सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है।