इंदौर: सरकार की युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण योजना अग्निपथ की सराहना करते हुए शक्ति पम्पस इंडिया लिमिटेड ने अपनी कंपनी में अग्निवीरों को नौकरी में प्राथमिकता देने की घोषणा की है।
कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक दिनेश पाटीदार ने आज यह घोषणा करते हुये सरकार से आग्रह किया कि इसे नौकरी की जगह ट्रेनिंग का ही नाम दिया जाए। उन्होंने कहा कि कार्पोरेट अनुशासित वर्कफोर्स की कमी से जूझ रहा हैं। अगर अग्निवीर इंडस्ट्री में होगें तो वे अपने कार्य को अधिक सफलतापूर्वक एवं ईमानदारी से पूर्ण करेंगें। ऐसे अनुशासित और शारीरिक व मानसिक रूप से दक्ष युवाओं को नौकरी देना हमारी प्राथमिकता होगी।
देश में आज लाखों युवक कोचिंग क्लासेस जा कर दो साल की कड़ी मेहनत करके फीस देकर सेना में भर्ती होने की कोशिश करते हैं। आंकड़ों के अनुसार 50000 आवेदकों में से मुश्किल से 1 का चयन हो पाता है। देश आज प्रतिवर्ष 50000 अग्निवीर की भर्ती होने के मुद्दे पर युवाओं के व्यवहार से आश्चर्य में है, जिसमें से 25 प्रतिशत युवाओं को ट्रेनिंग पूरी होने के बाद सेना में ही स्थायी नियुक्ति मिल जायेगी, यानी प्रतिवर्ष 1 के बजाय साढ़े बारह हजार युवाओं को सेना में रोजगार मिलेगा।
श्री पाटीदार ये भी मानते हैं कि अग्निवीर एक बहुत ही अच्छी योजना है क्योंकि आजकल बहुत से युवा बी.एस.सी., बी.ए., एम.बी.ए. आदि की डिग्री लेकर लक्ष्यविहीन घूम रहे है। ये यदि अग्निवीर की नौकरी पाकर एक प्रकार से जब 4 साल की ट्रेनिंग लेकर वापस लौटेंगे तब एक नया समाज बनाएंगें, एक नया देश बनेगा और इससे भारत के युवाओं को सही दिशा में पहुंचने में बहुत मदद मिलेगी। हम हमारे संस्थान में ऐसे युवाओं को लेना पसंद करेंगें जो अनुशासित हों, देशसेवक हों, ईमानदारी से कार्य करना चाहते हों। शक्ति पम्प्स ही नहीं, कई सारी इंडस्ट्री उनके लिए नौकरी के बहुत सारे रास्ते खोजेंगी।