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आगरा के शहान अली मोहसिन ने रचा इतिहास, जीता एमआरएफ फॉर्मूला-1600 का ख़िताब

आगरा: चेन्नई में रविवार शाम सम्पन्न हुई भारतीय राष्ट्रीय कार रेसिंग चैंपियनशिप के चौथे और आखिरी राउंड में आगरा के शहान अली मोहसिन ने शानदार प्रदर्शन के साथ एमआरएफ फॉर्मूला-1600 का राष्ट्रीय ख़िताब अपने नाम कर लिया। नौ वर्ष की आयु से प्रोफेशनल रेसिंग कर रहा शहान इससे पहले चार बार राष्ट्रीय कार्टिंग चैंपियन और एक बार एशिया चैंपियन रह चुका है।

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चैंपियनशिप जीतने के बाद शहान ने कहा, “यह मेरे लिए एक यादगार पल है। मैंने पहले चार राष्ट्रीय और एक एशिया चैंपियनशिप जीती है, मगर यह मेरी राष्ट्रीय कार रेसिंग की पहली खिताबी जीत है। एमआरएफ-1600 फॉर्मूला कार रेसिंग प्रीमियम कैटेगरी होती है इसका चैंपियन होना मेरा सौभाग्य है। बहुत काँटे को टक्कर थी, पहले सात ड्राइवर सिर्फ़ एक सेकंड के अंतर में थे और पहले तीन ड्राइवर तो सिर्फ़ एक सेकंड के दसवें हिस्से में थे। इसलिए सही रणनीति बनाना बहुत ज़रूरी था। चैंपियनशिप का फैसला अंतिम राउंड की अंतिम रेस के अंतिम लैप्स में हुआ, एक-एक पल रोमांचक था।”

अंतिम राउंड शुरू होने से पहले शहान अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बेंगलुरू के चिराग घोरपड़े से 13 अंक पीछे थे । इस राउंड में शहान का लक्ष्य सिर्फ चिराग को पीछे रखना और बिना कोई जोखिम लिए तीन रेस पूरी करना था। अंतिम दौर के क्वालीफाइंग राउंड में शहान ने दूसरा स्थान प्राप्त किया और चिराग चौथे स्थान पर रहे। इसके बाद पहली रेस में शहान ने चिराग को पीछे रखते हुए दूसरा स्थान प्राप्त किया। इससे दोनों के बीच 13 अंकों की दूरी घटकर दस अंकों की रह गई।

दूसरी रेस रिवर्स ऑर्डर की होने के वजह से शहान ने सातवें स्थान से और चिराग ने छठे स्थान से शुरू की, शहान ने चिराग को ओवरटेक करते हुए दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि चिराग सातवें स्थान पर रहे। इस शानदार प्रदर्शन से शहान ने चैंपियनशिप में दो अंकों की बढ़त ले ली। तीसरी रेस निर्णायक थी, शहान या चिराग में से जो भी आगे रहता, वही राष्ट्रीय चैंपियन बनता। शहान ने रेस के पांचवें लैप में शानदार तरीक़े से चिराग को ओवरटेक किया और उसके बाद सुरक्षात्मक रेस जारी रखते हुए उसे आगे नहीं निकलने दिया।

बेंगलुरु का रिशोन राजीव रेस में पहले स्थान पर थे पर शहान का लक्ष्य सिर्फ़ चिराग को पीछे रखना था, उन्हें मालूम था चैंपियनशिप के कुल अंकों में रिशोन राजीव बहुत पीछे है। शहान ने तीसरी रेस में दूसरा स्थान प्राप्त किया मगर यह उन्हें चैंपियन बनाने के लिए पर्याप्त था। कुल 194 अंकों के साथ शहान राष्ट्रीय चैंपियन बनने में सफल रहे । चिराग़ घोरपड़े 189 अंक प्राप्त करके दूसरे और बेंगलुरु का ही रिशोन राजीव तीसरे स्थान पर रहे।