नई दिल्लीः बेरोजगारी के खिलाफ और यूपी में बिगड़ती जा रही क़ानून व्यवस्था के खिलाफ प्रदर्शन करने का ऐलान करने के बाद उर्दू के मशहूर शायर मुनव्वर राना की दो बेटियों सुमैय्या राना और उज़्मा राना को बीते रोज़ नज़रबंद कर लिया गया। उनके नज़रबंद किये जाने की ख़बर सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गई है। जिस पर लोगों ने इसे अभिव्यक्ती की आज़ादी का हनन बताया। पीस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शादाब चौहान ने एक वीडियो जारी करके कहा कि यूपी सरकार का यह अलोकतांत्रिक कृत्य है।
उन्होंने कहा कि यह देश लोकतांत्रिक देश है, और संविधान ने अपने नागिरकों को अपनी बात रखने की आज़ादी दी है। जिस तरीक़े से सुमैय्या राना और उनकी बहन को नज़रबंद किया गया है वह गैरसंविधानिक है। शादाब चौहान ने कहा की मुख्यमंत्री जी आप क्षत्रिय हैं, लेकिन आप क्षत्रिय धर्म का पालन नहीं कर रहे हैं। भारत में लोकतंत्र है, यहां हिटलर नहीं है, तालिबान नहीं है, आईएसआईएस नहीं है लेकिन इसके बावजूद नागरिकों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
पीस पार्टी प्रवक्ता शादाब चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री जी आप क्षत्रिय धर्म का पालन कीजिए, राजधर्म निभाईए, एक क्षत्रिय कभी किसी पर अत्याचार नहीं कर सकता। लेकिन आपकी सरकार में जनता पर अत्याचार हो रहा है। लोगों को उनकी बात रखने से रोका जा रहा है। यह गलत है। शादाब चौहान ने कहा कि आज देश में बेरोजगारी चरम पर है। लेकिन सरकार बजाय उसे दूर करने के उन लोगों को निशाना बना रही है जो इस बढ़ती बेरोजगारी पर सवाल कर रहे हैं।
शादाब चौहान ने कहा कि सुमैया राणा अपने मुख्यमंत्री से विरोध दर्ज कराए तो हाउस अरेस्ट और कंगना राणावत अगर भारत के अटूट हिस्से की तुलना पाकिस्तान से करें तो वाई कैटागिरी की सिक्योरिटी कि यह कैसा न्याय है आर्टिकल 19 संविधान का हर नागरिक को अनुमति देता है अपनी बात रखने की विरोध दर्ज कराने की यही लोकतंत्र है।