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पीस पार्टी प्रवक्ता बोले ‘हमारे पास अपना हीरो है हमें दूबे जैसे चंदाखोर की जरूरत नहीं’

नई दिल्लीः पीस पार्टी के प्रवक्त शादाब चौहान ने पॉलिटिकल एक्टिविस्ट विनय दुबे पर निशाना साधा है। उन्होंने पीस पार्टी के यूपी प्रभारी मोहम्मद इरफान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि हमारे पास अपना हीरो है हमें दूबे जैसे चंदाखोर की जरूरत नहीं. बता दें कि मुंबई में रहने वाले विनय दुबे ने जेल में बंद डॉक्टर कफ़ील ख़ान की रिहाई के लिए लोगों से चंदा मांगा था, इस पर लोगों ने विनय दुबे को चंदा दे भी दिया। अब पीस पार्टी समेत कई समाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पर सवाल खड़े किए हैं।

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पीस पार्टी प्रवक्त शादाब चौहान ने कहा कि हमारे पास अपना हीरो है हमें दूबे जैसे चंदाखोर की जरूरत नहीं. शादाब ने कहा कि अमेरिका से पढ़ाई करके लौटे इंजीनियर इरफान साहब जिस तरीके से आवाम को बेदार कर रहे हैं इंशाल्लाह उत्तर प्रदेश इंकलाब आएगा ऐसा राज उत्तर प्रदेश में हो जिसमें दलित आदिवासी बिछड़े मुसलमान एवं सभी धर्म जाति के लोगों को न्याय मिले कोई अछूत हो यही लक्ष्य है.

बता दें कि एक तरफ गोरखपुर के बाबा रघुवर दास मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कफ़ील ख़ान एनएसए के तहत जेल में बंद हैं, वहीं पीस पार्टी के राष्ट्रयी अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब भी एनएसए के तहत जेल में बंद हैं। जिनकी रिहाई के लिये पीस पार्टी ने हस्ताक्षर अभियान चलाया हुआ है। पीस पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी मोहम्मद इरफान ने लक्ष्य रखा है कि यूपी के हर जनपद से तक़रीबन दस हज़ार हस्ताक्षर कराए जाएं जिन्हें राज्यपाल को सौंपा जाएगा।

डॉक्टर अय्यूब पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर से संविधान विरोधी विज्ञापन उर्दू के एक बड़े अख़बार में प्रकाशित कराया है। इसके बाद पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब को गोरखपुर के बड़हलगंज स्थित उनके अस्पताल से गिरफ्तार करके लखनऊ लाया गया था, और उसके बाद उन पर रासुका लगा दी गई। अब उनकी रिहाई के लिये पीस पार्टी द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही पीस पार्टी के कार्यकर्ता लोगों को यह भी बता रहे हैं कि उनके नेता पर रासुका क्यों लगाया गया।

ग़ौरतलब है कि बीते कुछ वर्षों में पीस पार्टी द्वारा कई मुद्दों को ज़ोर शोर से उठाया गया था, पीस पार्टी ने ही बाबरी मस्जिद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के ख़िलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी, इसके अलावा सीएए आंदोलन, और तब्लीग़ी जमात प्रकरण में भी पीस पार्टी ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था।