लखनऊः लखनऊ का उत्सव भवन एक ऐसे ऐतिहासिक पल का साक्षी बना जब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और ईसाई समाज का विभिन्न संगठन एक मंच पर एक मकसद के साथ एकत्र हुए। मंच से यह संदेश दिया कि देश के विकास, एकता, सद्भावना, भाईचारा और शांति के लिए सबका विश्वास और सबका साथ ही जीवन का संकल्प है। संघ नेता ने कहा कि धर्म कोई सा भी हो ईश्वर एक है, चाहे अपनी अपनी मान्यताओं के हिसाब से हम उन्हें जिस नाम से भी पुकारें। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में सिर्फ भारत ही एक अकेला देश है जो हर धर्म, हर समाज, हर समुदाय, तहजीब को लेकर चलता है।
इंद्रेश कुमार ने चुनाव को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि ईसाई, मुस्लिम और हिंदू समाज को लेकर पहले की सरकार लड़ाया करती थीं। कहीं चर्च टूटा करता था कहीं मंदिर तो कहीं मस्जिद,आज हिंदुस्तान एक नए राह पर है जहां आपस में नफरत नहीं, मेल मिलाप और प्रेम होता है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि आज की सरकार का लक्ष्य है सभी धर्मों को एक दूसरे का सम्मान करते हुए आगे बढ़ना और सबका विश्वास प्राप्त करते हुए विकास करना। और यही कामयाबी की कुंजी है, इसी में देश और समाज दोनों का फायदा है, तुष्टिकरण में नहीं।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि भारत में आजादी के बाद से ही एक दूसरे धर्म को लड़ाया जाता था। और यह खौफ दिखाया जाता था कि संघ और बीजेपी से दूर रहोगे तो जीवित रहोगे। लेकिन अटल बिहारी वाजपई के 6 साल और नरेंद्र मोदी के 7 साल जोड़ लिए जाएं तो कोई भी समझ सकता है कि भारत बदल गया है। परिवर्तन के साथ एक नए हिंदुस्तान का आगाज हुआ है। यह एक ऐसा भारत है जो हर मजहब, हर समुदाय को लेकर चलता है। यही कारण है की जब अयोध्या में मंदिर और मस्जिद पर फैसला हुआ तो कहीं किसी तरह का कोई झगड़ा नहीं हुआ।
इस मौके पर उन्होंने यह भी आह्वान किया है कि आपसी भेदभाव, धार्मिक कट्टरता को छोड़ कर देश के विकास के लिए आगे आने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म को किसी दूसरे धर्म पर आक्रमण नहीं करना चाहिए बल्कि एक साथ एक मंच पर आकर समस्या का समाधान खोजना चाहिए। संघ नेता ने विश्वास जताया कि भारत ही दुनिया को शांति का रास्ता दिखाएगा। उन्होंने कहा कि भारत विश्व गुरु था और एक बार फिर से विश्व गुरु बनेगा।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आए ईसाई समाज के आर्क बिशप, बिशप और विभिन्न ईसाई संगठनों के प्रतिनिधियों से भारतीय क्रिश्चन मंच तथा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने कहा कि यह एक ऐसा अद्भुत मौका है जब ईसाई समाज के इतने सारे प्रतिनिधि एक मंच पर एक साथ एक ही मकसद से एकत्र हुए हैं…. और यह मकसद है शांति का, भाईचारे का, सद्भावना का, आपसी सहयोग का, देश और समाज के विकास का।
इस मौके पर ईसाई संगठनों ने भी पूरे जोश के साथ देश के विकास में अपना पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। सम्मेलन में मेथेडिस्ट, सीएनआई, रोमन कैथलिक, दया का घर, जीसस मेरी, जीसस मेरी चर्च एवं अनेक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन में विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रार्थना तथा बाइबल पाठ के द्वारा किया गया। सम्मेलन में शिक्षाविद एवं समाजसेवी रोमा स्मार्ट जोसेफ, बिशप आर सी सेठ, एसके मल, अनूप सिंह बिष्ट, राजीव जोसेफ, पॉप अजय मल, हेनरी जॉनसन, आर्थर कोकर, डेंजिल गोडिन तथा भारतीय क्रिश्चन मंच से प्रताप पल्ला समेत देश के कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
ईसाई समाज का प्रतिनिधित्व करते हुए डॉक्टर रोमा स्मार्ट जोसेफ ने कहा कि आज का ईसाई समाज शक्षित है और वह जानता है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ईसाई समाज नित्य नए आयाम स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि आज का ईसाई समाज अपनी निष्ठाओं से प्रतिबद्ध है और वह एक भयमुक्त, भ्रष्टाचारमुक्त, शोषणमुक्त समाज और सर्वधाम समभाव के लिए प्रतिबद्ध है।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की तरफ से मीडिया प्रभारी शाहिद सईद भी मौजूद रहे। सईद ने बताया कि आने वाले दिनों में संघ और ईसाई संगठनों का इसी प्रकार का बड़ा कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के कुछ अन्य स्थानों के साथ साथ, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी होने जा रहा है। इससे पहले नई दिल्ली और हैदराबाद में भी संघ और ईसाई समाज के बीच बड़ा सहयोग देखने को मिला था जब संघ नेता इंद्रेश कुमार के साथ कई देशों के बिशप, आर्क बिशप, अनेकों एंबेसडर और डिप्लोमेट्स ने शिरकत की थी जिसका वैश्विक रूप से प्रभाव देखा गया था। सईद ने बताया कि कुछ महीने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पोप फ्रांसिस की भी मुलाकात हुई थी जिसने दोनों समुदाय में वैश्विक तौर पर नजदीकियों में देखा गया था।