भारत में दक्षिणपंथियों द्वारा लगाए जा रहे “हिंदू ख़तरे में है” के नारे पर सोशल एक्टिविस्ट और एशियन ह्यूमयन राइट कमीशन के प्रोग्राम कॉर्डिनेटर समर अनार्य ने तंज़ किया है। अविनाश कुमार पांडेय उर्फ समर अनार्य ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए कहा कि दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम राष्ट्र इंडोनेशिया में कुल 1.74% हिंदू हैं। एक प्रदेश बाली में 87%.मैं इंडोनेशिया गया हूँ, रमज़ान के वक्त। हिंदू वहाँ ख़तरे में नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि मलेशिया की कुल आबादी का 6.3% हिंदू हैं। मैं मलेशिया भी गया हूँ। वहाँ भी हिंदू ख़तरे में नहीं हैं। वियतनाम की कुल आबादी का 1 प्रतिशत भी हिंदू नहीं हैं लेकिन वहाँ 17वीं शताब्दी तक चम्पा नाम का हिंदू साम्राज्य था, आज भी वहाँ 60,000 के क़रीब हिंदू रहते हैं, ज़्यादातर चाम माने स्थानीय। मैं वियतनाम भी गया हूँ और वहाँ के चाम हिंदू साम्राज्य के केंद्र माई सोन भी। हिंदू वहाँ भी ख़तरे में नहीं हैं।
समर ने कहा कि कम्बोडिया में भी चाम हिंदू हैं, वियतनाम की सीमा के पास। मैं कम्बोडिया भी गया हूँ। वे भी आबादी का एक प्रतिशत भी नहीं हैं। वे भी ख़तरे में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि थाईलैंड में भी ठीकठाक हिंदू आबादी है- क़रीब 0.02%. वहाँ के असल हिंदू दो पहचानों वाले हैं- ब्रह्म लुआंग माने शाही ब्राह्मण- जो राम का अवतार माने जाने वाले राजा के सभी धार्मिक रीति रिवाज करवाते हैं। दूसरे हैं ब्रह्म चाओ बान या फ़ोक लुआंग- माने सामान्य ब्राह्मण। इससे याद आया, भले ही कम्बोडिया बाद में बौद्ध हो गया, अंगकोर वाट के शिव मंदिर बुद्ध को समर्पित होते गए, वहाँ भी राज परिवार में आज भी ब्राह्मण रीति रिवाज होते हैं। मैंने अब संग्रहालय बना दिए गए राजमहल में ब्राह्मण पोशाक देखी है।
समर अनार्य ने कहा कि भारत में हिंदू आबादी 80% से ऊपर है। वहाँ सरकार की और उसके चाटुकारों की मानें तो हिंदू ख़तरे में हैं। अपने आपको नास्तिक बताने वाले समर अनार्य ने कहा कि ईश्वर हो तो 2022 में हिंदुस्तान के हिंदुओं को इंडोनेशिया, मलेशिया, वियतनाम, कम्बोडिया, थाईलैंड की तरह सुरक्षित कर दे। आसान भाषा में संघियों से बचा ले।