नई दिल्लीः देश में बढ़ती सांप्रदायिकता पर पत्रकार एंव एंकर साक्षी जोशी ने चिंता ज़ाहिर की है। साक्षी ने कहा कि भारत में प्यार,मोहब्बत,विकास,तरक़्क़ी जैसे शब्द ग़ायब हो चुके हैं, चारों ओर अगर कुछ दिख रहा है तो हिंसा, नफ़रत,ज़हर,अराजकता,अधर्म,सब कुछ तहस नहस कर दिया गया है। 70 साल में जो बना था सब बर्बाद कर दिया गया है। अब तो ख़ुश हो नफरतियों! चील कौओं की तरह देश को नोच दिया तुम लोगों ने।
और लोगों ने भी ज़ाहिर किया गुस्सा
नफ़रत के इस माहौल के ख़िलाफ, और सरकार द्वारा की जाने वाली बुलडोज़र कार्रावाई के ख़िलाफ अन्य लोगों ने भी गुस्सा ज़ाहिर किया है। पत्रकार श्याम मीरा सिंह ने ट्वीट किया कि कह रहे हैं जावेद, कानपुर हिंसा के “मास्टरमाइंड” हैं। लेकिन क्यों हैं इसका सबूत नहीं दिखा थे। क्यों? क्योंकि है ही नहीं। सिर्फ़ पुलिस ने बोल दिया तो बोल दिया। एक जगह पढ़ा कि जावेद इसलिए मास्टरमाइंड हैं क्योंकि उन्होंने बंद की अपील की थी। बंद की अपील करना क़ब से अपराध हो गया?
एक अन्य ट्वीट में श्याम ने लिखा कि एक जगह लिखा था कि उन्होंने WhatsApp पर लोगों से इकट्ठा होने के लिए कहा। अगर किसी को विरोध प्रदर्शन करना हो तो इकट्ठा होने के लिए ही बोलेगा ना? इन छोटी छोटी सी बातों पर, आप बिना और अधिक जाँच के किसी का घर तोड़ देंगे?
पत्रकार अखिलेश तिवारी ने ट्वीट किया कि यह घर नही गिराया गया बल्कि कानून की ईंट गिराई गई है। अभी तक सरकारें कानून के दायरे में रहकर कार्य करती थीं लेकिन अब कानून उनके दायरे में रहकर कार्य कर रहा है। बाबा ने जो आदेश दे दिया वही कानून बन गया।