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भिखारी को पीटने की घटना पर बोले पूर्व DGP, ये गुंडई नहीं, सरासर ज़ुल्म है हमारे शर्म से डूब मरने के लिए काफी है

राजस्थान के अजमेर में भीख मांग रहे एक शख्स को हिंदुवादियों की नफरत का शिकार होना पड़ा। घटना 23 अगस्त की है जब अजमेर में ‘दूसरे’ समुदाय के मोहल्ले में भीख मांग रहे एक भिखारी को उसके पुत्र सहित बेरहमी से पीटा गया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो राजस्थान पुलिस ने इस घटना में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार किया। लेकिन इस घटना पर बुद्धिजीवियों के साथ-साथ पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। इसी क्रम में केरल के डीजीपी रहे डॉक्टर एन.सी अस्थाना ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे ज़ुल्म करार दिया है।

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उन्होंने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कोई ग़रीब कुछ बजा कर भीख मांग रहा है तो उसमें क्या अपराध है? किसी पर भी चोरियों का आरोप लगा कर अपमानित करेंगे? धर्म के कारण लोगों को यों प्रताड़ित किया जायेगा? ये गुंडई नहीं, सरासर ज़ुल्म है. कहाँ हुआ ये महत्वपूर्ण नहीं है, इस देश में हुआ वही हमारे शर्म से डूब मरने के लिए काफी है।

डॉक्टर अस्थाना ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलौत से गुहार लगाते हुए कहा कि स्थानीय अखबारों ने रिपोर्ट किया है कि यह शर्मनाक घटना अजमेर में अशोक विहार की है। अशोक गहलौत जी यह आपकी अग्निपरीक्षा है। इसमें फेल हुए तो इतिहास आपको कभी क्षमा नहीं करेगा। इनके ऊपर तत्काल कार्यवाही की जाये। और ध्यान रहे, सेक्शन लगाने में कोई गड़बड़ न हो।

उन्होंने इस घटना के आरोपियों पर कौनसी धाराएं लगाई जाएं यह भी सुझाया, डॉक्टर अस्थाना ने कहा कि कि ऐसा पता चला है कि सेक्शन लगाने में उसी तरह गड़बड़ हुई है जैसे कानपुर की घटना में। शायद सिर्फ 151 लगाया गया है। इसमें 295ए, 153ए भी बनता है क्योंकि धर्म के आधार पर प्रताड़ित किया गया है। साथ साथ उन्हें 107 में भी निरुद्ध किया जाये। ऐसी गलती अज्ञान मात्र नहीं है।

जानकारी के लिये बता दें कि यूपी के कानपुर में भी पिछले दिनों एक रिक्शा चालक को बजरंगदल के कार्यकर्ताओं ने बेरहमी से पीटा था। रिक्शा चालक की बेटी अपने पिता को छुड़ाने के लिये रोती बिलखती रही लेकिन बजरंगदल के लोगों ने उस पर भी तरस नहीं खाया, इस मामले में जिन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया उन्हें थाने से ही ज़मानत देकर छोड़ दिया गया।