इंदौर: मध्यप्रदेश के मास्टर सईद आलम देश के पहले और एकमात्र मार्शल आर्ट्स कोच बने हैं। अमेरिका से प्रकाशित द वर्ल्ड ग्रेटेस्ट मार्शल आर्टिस्ट मैगज़ीन के प्रथम पृष्ठ पर मास्टर सईद आलम छपे हैं। मास्टर सईद आलम पिछले 36 वर्षों से आत्मरक्षा का प्रशिक्षण बालिका व महिलाओ को प्रदान कर चुके हैं। उन्हें अब तक 16 अंतरराष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
मास्टर सईद आलम की इस उपलब्धि पर प्राप्त करने पर अर्जुन अवार्डी कृपाशंकर पटेल ने बधाई दी है। द वर्ल्ड ग्रेटेस्ट मार्शल आर्टिस्ट मैगज़ीन के संपादक डॉ टेड गेमबोर्डेल्ला हैं जो 85 पुस्तकें लिख चुके हैं। डॉ टेड ने सईद आलम के मार्शल आर्ट्स जीवन पर विशेषांक प्रकाशित किया है।
शहरों में बढ़ रहा क्रेज़
महानगरों की तर्ज पर अब छोटे शहरों में भी लोग अपने बच्चों को मार्शल आर्ट्स सिखाना चाहते हैं। ग्रामीण इलाकों के अभिभावकों में खासतौर पर अपनी लड़कियों को मार्शल आर्ट ताइक्वांडो सिखाने का रुझान देखा जा रहा है। इससे स्पोर्ट्स में अच्छा करियर तो है ही, साथ ही यह युवतियों के सेल्फ-डिफेंस में भी यह कारगर साबित हो रहा है।
मार्शल आर्ट्स केवल सुरक्षा के लिए ही आवश्यक नहीं है, अपितु स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। मार्शल आर्ट्स को विज्ञान और कला दोनों माना जाता है। सभी बच्चों के माता-पिता ने मार्शल आर्ट्स पर विचार व्यक्त करते हुए बताया कि कोराना के समय मोबाइल के ज्यादा उपयोग से बच्चों में शारीरिक व मानसिक शीतलता आ गई थी। मार्शल आर्ट्स करने से शारीरिक व मानसिक विकास हुआ है। बच्चों के स्वअनुशासित होने की बात जाहिर की और यह भी कहा कि एक बच्ची के लिए उसके पिता की तरफ से सबसे बड़ा उपहार है, उसे आत्मरक्षा सिखाना व आत्मनिर्भर बनाना।