वाराणसी: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बेहतर स्थिति रहने का दावा करते हुए कहा है कि राज्य में चौंकाने वाले चुनाव परिणाम देखने को मिलेंगे।
पायलट ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में अपने दावे की पुष्टि के लिये दलील दी कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के नेतृत्व में पार्टी जनता की समस्याओं को लेकर सड़कों पर संघर्षरत रही है। जबकि, राज्य के मुख्य विरोधी दल नदारद रहे हैं।
पायलट, आज एक दिवसीय वाराणसी दौरे पर वाराणसी में थे। इस दौरान उन्होंने राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की कथित विफलताओं पर एक पुस्तिका ‘आमदनी न हुई दोगुनी, दर्द सौ गुना’ का लोकार्पण भी किया। इसमें किसानों, नौजवानों, महिलाओं, मध्यम वर्ग और समाज के हर तबके के साथ भाजपा सरकार की वादाखिलाफी के बारे में जानकारी दी गई है।
पायलट ने कहा कि अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए योगी चुनाव का सांप्रदायिककरण करना चाहते हैं। उनके पास जनता को जवाब देने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए वह मंदिर-मस्जिद और 80 बनाम 20 की बात कर राज्य में मजहब और बिरादरी के आधार पर राजनीति कर रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी में विवादास्पद लोगों को शामिल किए जाने तथा कुछ लोगों के पार्टी छोड़ने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान बहुत से लोग पार्टी में शामिल होते हैं, तो बहुत से लोग साथ भी छोड़ते हैं। जहां तक कांग्रेस पार्टी का सवाल है वह चाहती है कि भाजपा की जनविरोधी सरकार के खिलाफ जितने भी तबके हैं, सबको एक साथ लाया जाए।
पायलट ने विश्वास व्यक्त किया कि किसान आंदोलन के प्रति कांग्रेस के समर्थन को देखते हुए पार्टी को किसानों का समर्थन हासिल होगा। पायलट ने कहा कि इस बात की पूरी आशंका है कि चुनाव के बाद मोदी सरकार पिछले दरवाजे से फिर से कृषि कानूनों को वापस लाने की कोशिश करेगी।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों से उनकी आय वर्ष 2022 तक दोगुना करने का वायदा किया था। आज हालत यह है कि किसान की औसत आय 27 रुपये प्रतिदिन है। इसके उलट, किसानों पर औसत कर्ज 74 हजार रुपये है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने किसानों का शोषण और दमन किया है।