दीपक असीम
बीजेपी आईटी सेल यूक्रेन रूस युध्द का इस्तेमाल कांग्रेस को बदनाम करने और मोदी की छवि को ऊपर उठाने के लिए कर रही है। भाजपा आईटी सेल मानकर चलती है कि देश के ज्यादातर लोग निरे मूर्ख हैं और इतिहास की उन्हें कोई जानकारी नहीं। एक हद तक यह बात सही भी है।
भाजपा आईटी सेल ने जो ताज़ा माल बाजार में फेंका है, उसमें कहा जा रहा है कि युक्रेन में राष्ट्रवादी सोच नहीं है, इसलिए यूक्रेन हार रहा है। यूक्रेन में मोदी जैसा मज़बूत नेता होना चाहिए था। यह भी कहा जा रहा है कि राहुल गांधी कहते हैं कि हथियारों से और सेना से कोई देश बड़ा नहीं बनता तो देख लीजिए कि यूक्रेन में हथियार और सेना नहीं होने से क्या हाल हो रहा है। हालांकि राहुल ने अगर ऐसा कहीं कहा है, तो उसका संदर्भ दूसरा है। जहां तक याद पड़ता है वो यह कह रहे थे कि देश की संवैधानिक संस्थाएं ताकतवर होने से ही कोई देश बड़ा और महान बनता है केवल हथियारों से नहीं।
आईटी सेल जिन मूर्खों और गोबरभक्तों को अपना टारगेट रीडर मानती है, उनमें एक भावना यह उभर रही है कि मोदी इतने ताकतवर और समझदार विश्व नेता हैं, तो रूस को कुछ समझाते क्यों नही? पुतिन तो उनकी बात एक मिनिट में मान लेगा। इस मूर्खता और झूठ को बढा़ने में कुछ टीवी चैनल भी लगे हुए हैं, जो कह रहे हैं कि पुतिन मोदी को अपना गुरू मानते हैं और इस समस्या को कोई सुलझा सकता है तो वो हैं मोदी।
असलियत हमें पता है कि पुतिन किसी की सुनने के मूड में नहीं हैं। मोदी कितने बड़े विश्वनेता हैं, वो भी हमें पता है। ऐसे में मूर्ख भक्तों की आस्था मोदी से ना डिगे इसका भी इंतज़ाम भाजपा आईटी सेल कर रही है। इसमें बेचारे यूक्रेन को गुनाहगार बता दिया गया है। नए वाट्सएप ज्ञान में कहा जा रहा है कि यूक्रेन ने कश्मीर मामले में भारत का समर्थन करने की बजाय विरोध किया था, इसलिए मोदी नाराज हैं। इसी पोस्ट में कहा गया है कि यूक्रेन के संबंध ओसामा बिन लादेन से रहे हैं इसलिए मोदी यूक्रेन की मदद नहीं कर रहे। बेचारे यूक्रेन को पता ही नहीं कि आईटी सेल ने कौन कौन सी तोहमतें उसपर लगा दीं। एक तरफ तो यूक्रेन अमेरिका का पिट्ठू है और दूसरी तरफ लादेन का दोस्त भी है। वाह…। आईटी सेल का एक ही मकसद है कि देश में मूर्खता और झूठ कभी कम ना होने पाए।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार एंव पत्रकार हैं)